कोलंबो : विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने श्रीलंका के महान क्रिकेटर कुमार संगकारा की तारीफ करते हुए उनके सुनहरे कैरियर की तुलना डान ब्रैडमेन और सचिन तेंदुलकर से की.संगकारा भारत के खिलाफ अपने कैरियर का 134वां और आखिरी टेस्ट खेलकर रिटायर होने जा रहे हैं. अपने 15 बरस के कैरियर में उन्होंने 38 शतक समेत 12350 टेस्ट रन और 404 वनडे में 25 शतक समेत 14234 रन बनाये. कोहली ने संगकारा को प्यारा इंसान करार देते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि यह मास्टर बल्लेबाज भारत के खिलाफ अपनी आखिरी अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला खेल रहा है.
उन्होंने बीसीसीआई टीवी से कहा , मैं समझ सकता हूं कि वह इस समय किन जज्बातों से गुजर रहा होगा क्योंकि पिछले 20 साल से वह क्रिकेट खेल रहा है और अब नहीं खेलना किसी के लिए भी बड़ा झटका होगा. उन्होंने कहा , वह श्रीलंका के लिए शानदार खिलाड़ी रहा है. कई खब्बू बल्लेबाज उसे अपना आदर्श मानते हैं. उसने दुनिया भर में रन बनाये हैं और आंकड़े इसके गवाह है. वह बहुत प्यारा इंसान भी है.
कोहली ने कहा , मैंने मैदान पर और मैदान से बाहर उससे बात की है. मुझे खुशी है कि वह आखिरी कुछ मैच हमारे खिलाफ खेल रहा है और हमें इन पलों का हिस्सा बनकर बहुत अच्छा लग रहा है. एक महान खिलाड़ी रिटायर हो रहा है और एक युवा टीम होने के नाते हमारे लिए यह सम्मान की बात है कि वह आखिरी मैच हमारे खिलाफ खेल रहा है. उन्होंने कहा , उम्मीद है कि वह हमारे खिलाफ बहुत रन नहीं बनाये लेकिन मैं क्रिकेट के बाद के जीवन के लिए उसे शुभकामना देता हूं. ऐसे महान खिलाड़ी और महान इंसान को जानना अद्भुत रहा.
शास्त्री ने संगकारा की तुलना तेंदुलकर से की. उन्होंने कहा , वह दुनिया के शीर्ष दो या तीन खिलाड़ियों में से रहा. बहुत कम खिलाड़ी इस सूची में होते हैं. सचिन तेंदुलकर को इस लीग में रखा जा सकता है जो एक बार शीर्ष में पहुंचने के बाद कभी उस लीग से बाहर नहीं निकले. उसने दुनिया भर में रन बनाये और आसानी से दोहरे शतक भी जड़े. वह सर डान ब्रैडमेन के समकक्ष है. शास्त्री ने कहा कि संगकारा श्रीलंका के भावी क्रिकेटरों के लिए समृद्ध विरासत छोड़ जा रहे हैं.
उन्होंने कहा , संगकारा के रिकार्ड यह साबित करते हैं. वह खेल का महान दूत रहा है और उसने दर्शकों का जमकर मनोरंजन किया. हर श्रीलंकाई को उसकी उपलब्धियों पर गर्व होगा. उन्होंने यह भी कहा कि श्रीलंका के दोनों महान क्रिकेटर संगकारा और महेला जयवर्धने इससे ज्यादा सम्मान के हकदार थे.
उन्होंने कहा , मुझे नहीं लगता कि संगकारा और महेला को वह सम्मान मिला जिसके वह हकदार थे. दोनों अगर भारत के लिए खेलते तो उन्हें पलकों पर बिठाया गया होता. संगकारा या तो पारी की शुरुआत करता या तीसरे नंबर पर उतरता.