कोलंबो : श्रीलंका के महान बल्लेबाज कुमार संगकारा ने आज भावभीनी विदाई समारोह में आंसुओं पर काबू रखने की पूरी कोशिश की जबकि सुनील गावस्कर ने पूर्व क्रिकेटरों के क्लब में उनका स्वागत किया और श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने तो उन्हें ब्रिटेन में उच्चायुक्त के पद की पेशकश कर डाली.
श्रीलंका के इस चहेते सपूत की क्रिकेट से विदाई हालांकि जीत के साथ नहीं हुई. भारत ने दूसरे टेस्ट में श्रीलंका को 278 रन से हराकर वापसी की. मैच के बाद विदाई समारोह में सभी हस्तियों ने एक के बाद एक उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किये और शुभकामनायें दी. संगकारा के चेहरे पर मुस्कुराहट देखी जा सकती थी. अपने धन्यवाद भाषण में उन्हें अपने पूर्व स्कूल के प्रिंसिपल से लेकर कोचों और भारतीय टीम को भी धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा , लोग मुझसे बड़ी उपलब्धियों के बारे में सवाल करते हैं, शतक, विश्व कप जीत लेकिन मैं ऊपर दर्शक दीर्घा में देखता हूं तो पिछले 30 साल के मेरे सारे दोस्त आज मेरा खेल देखने आये हैं. मैं चाहे जीतूं या हारूं लेकिन मेरे परिवार का प्यार बरकरार रहा जो सबसे बडी उपलब्धि है. समारोह से पहले संगकारा ने भारतीय टीम के सदस्यों से हाथ मिलाया और गले भी मिले. उन्होंने मैदानकर्मियों को आटोग्राफ दिये और तस्वीरें खिंचवाई.
वहां मौजूद अतिथियों में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना , प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, गावस्कर और श्रीलंका के एकमात्र विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा शामिल थे.गावस्कर ने इस मौके पर कहा , मैं आपको जीवन में शानदार दूसरी पारी के लिए शुभकामना देता हूं.
उम्मीद है कि यह आपकी पहली पारी की तरह शानदार होगी. मैं पूर्व क्रिकेटरों के क्लब में शामिल होने पर आपका स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा , आप श्रीलंकाई ड्रेसिंग रुम में बडे भाई की भूमिका में रहे. क्रिकेटप्रेमियों को आपके बल्ले से रनों की बरसात हमेशा याद रहेगी. हमेशा विदाई यादगार नहीं होती. आपने इतने साल अपेक्षाओं का भारी बोझ सहा है.
आप जीत के साथ नहीं जा सके लेकिन आपकी उपलब्धियां हमेशा याद रहेंगी. इससे पहले सिरिसेना ने सिंहली भाषा में दिये अपने भाषण में संगकारा को ब्रिटेन में श्रीलंका के उच्चायुक्त के पद की पेशकश कर दी. हर टेस्ट टीम के खिलाफ शतक जमाने वाले 12 क्रिकेटरों में शामिल संगकारा को कोहली ने भी सम्मानित किया. भारतीय कप्तान ने उन्हें टीम के हर सदस्य के आटोग्राफ वाली टीम जर्सी भेंट की. संगकारा जब बोलने के लिए आये तो अपने आंसुओं पर काबू रखना उनके लिए मुश्किल हो गया था.
संगकारा ने कहा , मुझे कई लोगों को धन्यवाद देना है. अपने सभी पूर्व कप्तानों को, साथी खिलाड़ियों को जिन्होंने हमेशा सहयोग और प्रेरणा दी. ड्रेसिंग रूम में बिताये हर पल को मैं याद करुंगा. उन्होंने कहा ,’ कई लोग मुझसे पूछते हैं कि मेरी प्रेरणा क्या है. मेरे माता पिता और भाई बहन मेरी प्रेरणा रहे हैं. शुक्रिया अम्मा और अप्पाची.
मुझे बहुत अच्छे माता पिता और भाई बहन मिले जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया, चाहे मैं अच्छा खेलूं या नहीं. घर पर मैने हमेशा महफूज महसूस किया.’ उन्होंने कहा ,’ लोग कहते हैं कि आप अपना परिवार नहीं चुन सकते लेकिन मैं खुशकिस्मत हूं कि आपके घर में पैदा हुआ. मैं जज्बाती नहीं होता लेकिन यह दुर्लभ मौका है कि मेरे माता पिता और भाई बहन यहां हैं.’ उन्होंने भावभीनी विदाई के लिये अपनी टीम और भारतीय टीम को धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा ,’विराट और भारतीय टीम को शुक्रिया जिन्होंने यहां बेहतरीन क्रिकेट खेली. मैं ऐसा ही चाहता था. भारतीय टीम काफी कठिन प्रतिद्वंद्वी रही. हमने आपको हराने की कोशिश की. कई बार सफल हुए तो कई बार नहीं लेकिन यहां आने का शुक्रिया.’ संगकारा ने कहा ,’ एंजेलो और मेरी टीम से कहूंगा कि आपके पास बेहतरीन टीम और उम्दा भविष्य है. निर्भीक होकर खेलो. हारने से मत डरो.