चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने लोढा समिति के आदेश को चुनौती देने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) की याचिका की विचारणीयता पर आज भारतीय क्रिकेट बोर्ड से जवाब तलब किया. लोढा समिति ने 2013 के सट्टेबाजी मामले में सीएसके को दो साल के लिये निलंबित कर दिया था.
मुख्य न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति टी एस शिवालंगम की पीठ ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को इस मामले में दो सप्ताह के अंदर अपना जवाबी हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया है. अदालत ने साफ किया कि जवाब देने के संबंध में सभी पक्षों को निर्धारित समय का पालन करना चाहिए. इसके बाद अदालत ने इस मामले को 23 सितंबर तक स्थगित कर दिया.
चेन्नई सुपर किंग्स की मालिक शहर स्थित कंपनी इंडियन सीमेंट लिमिटेड ने अपनी याचिका में लोढा समिति के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने कहा कि समिति का आदेश गैरकानूनी और उच्चतम न्यायालय के संदर्भों से परे है और पैनल को निलंबन का आदेश सुनाने से पहले उनका पक्ष भी सुनना चाहिए था.
महेंद्र सिंह धौनी की अगुवाई वाली सीएसके और राजस्थान रायल्स को 2013 आईपीएल सट्टेबाजी मामले में उनके शीर्ष अधिकारियों क्रमश: गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा के लिप्त पाये जाने के कारण 14 जुलाई को निलंबित कर दिया गया था.
इस मामले आज सुनवाई शुरु होने पर क्रिकेट एसोसिएशन आफ बिहार (कैब) की तरफ से वरिष्ठ वकील नलिनी चिदंबरम ने कहा कि याचिकाकर्ता ने न्यायमूर्ति लोढा समिति के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये हैं जबकि याचिका में उसे पक्षकार नहीं बनाया है. अदालत ने पिछली सुनवाई में कैब को एक पक्ष बना दिया था. कैब की याचिका पर ही उच्चतम न्यायालय ने आईपीएल छह की जांच के आदेश दिये थे.