india vs srilanka : 22 साल बाद श्रीलंका को उसकी जमीन पर रौंदकर टीम इंडिया ने जीती श्रृंखला
कोलंबो : भारत का श्रीलंकाई सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला जीतने का पिछले 22 साल से चला आ रहा इंतजार आज यहां तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में 117 रन से बड़ी जीत दर्ज करने के साथ ही खत्म हो गया. श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (110) और कुशाल परेरा (70) ने छठे विकेट के लिये 135 […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
September 1, 2015 5:31 PM
कोलंबो : भारत का श्रीलंकाई सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला जीतने का पिछले 22 साल से चला आ रहा इंतजार आज यहां तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में 117 रन से बड़ी जीत दर्ज करने के साथ ही खत्म हो गया. श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (110) और कुशाल परेरा (70) ने छठे विकेट के लिये 135 रन जोड़कर भारत का जीत का इंतजार बढ़ाया लेकिन वे विराट कोहली की टीम को इतिहास रचने से नहीं रोक पाये. श्रीलंका ने अपने आखिरी पांच विकेट 26 रन के अंदर गंवाये और 386 रन के लक्ष्य के सामने उसकी पूरी टीम 268 रन पर आउट हो गयी.
रविचंद्रन अश्विन ने 69 रन देकर चार विकेट लिये जबकि इशांत शर्मा 32 रन के एवज में तीन विकेट हासिल करके भारत का यह दौरा एतिहासिक बना दिया. भारत ने इससे पहले 1993 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई में श्रीलंकाई धरती पर 1-0 से जीत दर्ज की थी. यह पहला अवसर है जबकि भारतीय टीम ने विदेशी सरजमीं पर शुरु में पिछड़ने के बाद श्रृंखला जीती. श्रीलंका ने गाले में पहला टेस्ट मैच 63 रन से जीता था जबकि भारत ने इसके बाद पी सारा ओवल में दूसरे मैच में 278 रन से जीत दर्ज की थी. भारत ने इससे पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सरजमीं तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में पहला मैच गंवाने के बाद 2-1 से जीत दर्ज की थी.
परेरा ने चाय के विश्राम से ठीक पहले अपनी एकाग्रता खोयी. भारत तीसरे सत्र के शुरु में जब नई गेंद लेकर उतरा तो मैथ्यूज तीसरी गेंद पर पवेलियन लौट गये जिससे भारत की जीत महज औपचारिकता रह गयी थी. अश्विन ने परेरा को आउट करके विकेट गिरने का सिलसिला शुरु किया जबकि इशांत ने मैथ्यूज की धैर्यपूर्ण पारी का अंत करके टेस्ट मैचों में अपना 200वां विकेट लिया. भारत ने नई गेंद लेने के बाद केवल पांच ओवर में बाकी बचे चार विकेट निकाल दिये.
पहली बार किसी पूर्ण श्रृंखला में कप्तानी कर रहे कोहली ने भी भारत के लिये नया रिकार्ड बनाया. अभी 26 साल 300 दिन के कोहली विदेशों में टेस्ट श्रृंखला जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय कप्तान हैं. उन्होंने कपिल देव का रिकार्ड तोड़ा जिन्होंने 1986 में इंग्लैंड में जब श्रृंखला जीती थी तब उनकी उम्र 27 साल 168 दिन थी. चेतेश्वर पुजारा को मैन आफ द मैच चुना गया. इस टेस्ट से अंतिम एकादश में वापसी करने वाले इस भरोसेमंद बल्लेबाज ने पहली पारी में सलामी बल्लेबाज के रुप में उतरकर नाबाद 145 रन बनाये थे.
श्रीलंका ने सुबह तीन विकेट पर 67 रन से आगे खेलना शुरु किया. इशांत शर्मा को दिन के पहले ओवर में ही मैथ्यूज का विकेट मिल जाता लेकिन उनके बल्ले को स्पर्श करके विकेटकीपर नमन ओझा के दस्तानों में पहुंची गेंद नोबाल निकल गयी. भारत को बहरहाल यह साझेदारी तोडने में ज्यादा देर नहीं लगी. मैथ्यूज के साथ कल के दूसरे अविजित बल्लेबाज कौशल सिल्वा सुबह टिककर खेलने में नाकाम रहे. उमेश यादव ने इस सलामी बल्लेबाज को शार्ट मिडविकेट पर चेतेश्वर पुजारा के हाथों लपकवाया. उन्होंने मैथ्यूज के साथ चौथे विकेट के लिये 53 रन की साझेदारी की.
लाहिरु तिरिमाने (12) भी अपना कप्तान का साथ ज्यादा नहीं दे पाये. वह अश्विन की गेंद पर सिली प्वाइंट पर खडे केएल राहुल को कैच देकर पवेलियन लौटे. लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज कुशाल परेरा ने पूरी दृढता के साथ बल्लेबाजी की और दूसरे सत्र में अधिकतर समय तक भारतीय गेंदबाजों को विकेट के लिये तरसाये रखा.
श्रीलंका ने पहले सत्र में केवल 67 रन बनाये थे और इस बीच दो विकेट गंवाये लेकिन दूसरे सत्र में उसके बल्लेबाजों ने रन बनाने को भी तरजीह दी. श्रीलंका ने इस सत्र में 115 रन जोडे और एक विकेट गंवाया. मैथ्यूज और परेरा ने एक दो रन लेकर स्कोर आगे बढाया और ढीली गेंदों को सीमा रेखा पार भी भेजा. परेरा अपने पदार्पण मैच में दोनों पारियों में अर्धशतक लगाने वाले दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज बने. उनसे पहले दिनेश चांदीमल ने यह कारनामा किया था.
मैथ्यूज जब 93 रन पर खेल रहे थे तो अमित मिश्रा की गेंद पर अंपायर ने उनके खिलाफ पगबाधा की विश्वसनीय अपील ठुकरा दी थी. उन्होंने इसके कुछ देर बाद स्टुअर्ट बिन्नी की गेंद पर चौका जडकर अपना शतक पूरा किया. वह श्रीलंका के दूसरे कप्तान हैं जिन्होंने भारत के खिलाफ चौथी पारी में शतक जडा.
भारतीय गेंदबाजों ने हालांकि अपनी लाइन और लेंथ पर नियंत्रण बनाये रखा और जब श्रीलंका की यह जोडी उनके लिये परेशानी का सबब बन रही थी तभी परेरा ने अश्विन की गेंद पर रिवर्स स्वीप करने का निर्णय किया. उनका शाट सीधे प्वाइंट पर खडे रोहित शर्मा के हाथों में चला गया. परेरा ने अपनी पारी में 106 गेंद खेली और 11 चौके लगाये.
चाय के विश्राम तक 80 ओवर पूरे हो गये थे और कोहली ने इसके तुरंत बाद ही नई गेंद ली और उसे इशांत को थमा दिया. इस मैच में नई गेंद से बल्लेबाजों को परेशान करने वाले दिल्ली के इस तेज गेंदबाज ने तीसरी गेंद पर ही मैथ्यूज को पगबाधा आउट कर दिया. श्रीलंकाई कप्तान ने 240 गेंद खेली और 13 चौके लगाये. अश्विन ने रंगना हेराथ और धम्मिका प्रसाद को एक ओवर में पवेलियन भेजा जबकि मिश्रा ने नुवान प्रदीप को आउट करके भारतीय जीत की औपचारिकता पूरी की.