आज दोपहर बाद होगा जगमोहन डालमिया का अंतिम संस्कार, शास्त्री-कोहली होंगे शामिल
जन्म : 30 मई, 1940, कोलकाता निधन : 20 सितंबर , 2015, कोलकाता 36 वर्षों का क्रिकेट में प्रशासनिक कैरियर कोलकाता : जगमोहन डालमिया का आज दोपहर तीन बजे के बाद अंतिम संस्कार किया जायेगा. उनका अंतिम संस्कारदक्षिण कोलकाता के केवड़ातल्ला श्मशान घाट में होगा. इसके पहलेदोपहर 12 बजे से तीन बजे तक उनके पार्थिव […]
जन्म : 30 मई, 1940, कोलकाता
निधन : 20 सितंबर , 2015, कोलकाता
36 वर्षों का क्रिकेट में प्रशासनिक कैरियर
कोलकाता : जगमोहन डालमिया का आज दोपहर तीन बजे के बाद अंतिम संस्कार किया जायेगा. उनका अंतिम संस्कारदक्षिण कोलकाता के केवड़ातल्ला श्मशान घाट में होगा. इसके पहलेदोपहर 12 बजे से तीन बजे तक उनके पार्थिव शरीर को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) में रखा जायेगा.खबर है कि भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली टीम के डायरेक्टर रवि शास्त्री उनके अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. कल शाम उनका निधन हो गया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि डालमिया का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा. उन्हें गार्ड अॅाफ अॅानर भी दिया जायेगा.
डालमिया 1979 में बीसीसीआइ की राजनीति में आये. उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष के रूप में अंतिम सांसें लीं. इस तरह कहा जा सकता है कि डालमिया बतौर क्रिकेट प्रशासक और लीडर नॉट आउट रहे. कैरियर में उन्हें चुनौतियां तो मिली लेकिन कोई भी चुनौती उन पर हावी नहीं हो पायी.
ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब डालमिया शब्द भारत में अहम मुकाम रखता था. आजादी के बाद कृषिप्रधान भारत को विश्व के औद्योगिक नक्शे पर स्थापित करने में डालमिया ग्रुप ने अहम भूमिका निभायी. 80 के दशक में क्रिकेट जगत में एक और डालमिया उभरा. जगमोहन डालमिया. इस शख्स ने अंगरेजों के इस खेल में भारत को सुपर पावर बना दिया. आज अगर ऑस्ट्रेलिया और इंगलैंड जैसी क्रिकेट की ताकतें आय के लिए भारत का मुंह ताकती हैं, तो इसके पीछे कहीं न कहीं जगमोहन डालमिया की दूरदर्शिता और प्रयास मुख्य रूप से अहम कारक हैं.
कुछ अहम तथ्य
1. 1979 में बीसीसीआइ ज्वाइन किया
2. 1983 में बीसीसीआइ के कोषाध्यक्ष बने
3. भारत को 1987 वि श्व कप की मेजबानी दिला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पहली बार विश्व कप इंगलैंड के बाहर हुआ.
4. डालमिया कोलकाता के क्लब जोराबगन एंड राजस्थान की टीम के विकेटकीपर भी रह चुके हैं और उन्होंने दोहराशतक भी जमाया.
5. 90 के दशक की शुरुआत में में डालमिया पहली बार बीसीसीआइ के अध्यक्ष बने. उन्होंने कई बाद इस पद को संभाला .
6. 1983 में भारत विश्व चैंपि यन बना और देश में खेल की लोकप्रियता बढ़ी. डालमिया ने इस ट्रेंड को समझा और अपनी सूझ-बूझ से भारत को क्रिकेट की महाशक्ति बना दिया.
7. 1997 में डालमिया आइसीसी के अध्यक्ष बने. इस दौरान उन्होंने आइसीसी नॉक आउट क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरुआत करायी. यह प्रति योगिता आज आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के नाम से खेली जाती है.
8. आइसीसी से हटने के बाद भी भारतीय क्रिकेट पर डालमिया का दबदबा बना रहा. लेकिन, 2005 में उनके प्रतिनिध रणबीर सिंह महेंद्रा को शरद पवार से हार का सामना करना पड़ा और डालमिया बीसीसीआइ से बाहर कर दिये गये.
9. वित्तीय अनियमिताओं के कई आरोप लगे लेकिन 2010 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया. फिर वह कैब में वापस आये. यहां से क्रिकेट प्रशासन में उनकी दूसरी पारी शुरू हुई.
10. 2013 में बोर्ड का अंतरिम अध्यक्ष और 2015 में अध्यक्ष बने.