कैलिस के बिना साउथ अफ्रीकी टीम वैसी ही है जैसे सचिन,लक्ष्मण और कुंबले के बिना टीम इंडिया : शास्त्री
बेंगलुरु : भारतीय टीम के निदेशक रवि शास्त्री ने आज कहा कि कुछ बडे खिलाडियों के संन्यास लेने के बाजवूद दक्षिण अफ्रीका की टीम अब भी मजबूत है लेकिन उनकी टीम दो अक्तूबर से शुरू हो रही श्रृंखला में आक्रामक क्रिकेट खेलना जारी रखेगी. संन्यास ले चुके जाक कैलिस जैसे खिलाडियों के बिना आ रही […]
बेंगलुरु : भारतीय टीम के निदेशक रवि शास्त्री ने आज कहा कि कुछ बडे खिलाडियों के संन्यास लेने के बाजवूद दक्षिण अफ्रीका की टीम अब भी मजबूत है लेकिन उनकी टीम दो अक्तूबर से शुरू हो रही श्रृंखला में आक्रामक क्रिकेट खेलना जारी रखेगी. संन्यास ले चुके जाक कैलिस जैसे खिलाडियों के बिना आ रही दक्षिण अफ्रीकी टीम के बारे पूछने पर शास्त्री ने कहा, ‘यह मुझसे (सचिन) तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले जैसे खिलाडियों के बिना भारतीय टीम के बारे में पूछने की तरह है, खिलाडी आते और जाते हैं लेकिन आपको इस तथ्य का सम्मान करना होगा कि दक्षिण अफ्रीका दुनिया की नंबर एक टीम है.’
भारतीय टीम के शिविर के दौरान शास्त्री ने यहां राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में संवाददाताओं से कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका मजबूत प्रतिद्वंद्वी है. वे विदेशों के हालात में विश्व क्रिकेट की किसी भी अन्य टीम से बेहतर प्रदर्शन करते हैं. वे विदेशों का दौरा करने वाली किसी अन्य टीम से बेहतर हैं और रिकार्ड यह बयां करता है. इसलिए हमें पता है कि हमें किस चीज का सामना पडेगा. सम्मान मौजूद है लेकिन हम कदम पीछे नहीं करेंगे.’ दक्षिण अफ्रीकी टीम दो महीने से अधिक के दौरे पर भारत आ रही है जिसकी शुरुआत सीमित ओवरों की श्रृंखला से होगी. दोनों टीमों के बीच श्रृंखला की शुरुआत दो अक्तूबर को धर्मशाला में टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के साथ होगी.
महेंद्र सिंह धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ जून में हुई वनडे श्रृंखला के बाद से टीम की कप्तानी नहीं की है और ऐसे में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला के दौरान उनकी कप्तानी में पैनेपन की कमी के बारे में पूछने पर शास्त्री ने ऐसी किसी आशंका से इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘कोई समस्या नहीं है. आप एक अनुभवी खिलाडी की बात कर रहे हैं, महान खिलाडियों में से एक, भारतीय क्रिकेट की नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाडियों में से एक. उसे (धोनी) वह काम करना है जो वह पहले से ही कर रहा है और इसलिए इसमें कुछ भी नया नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘सब कुछ अपने आप ठीक हो जाता है. टीम के लिए कोई अंतर नहीं है, वे उसके मार्गदर्शन में विश्व कप में खेले. पिछली बार वे जब वनडे खेले तो बांग्लादेश में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में खेले. अंतर क्या है, वे एक चैम्पियन के नेतृत्व में खेल रहे हैं. आपको और क्या चाहिए.’
यह पूछने पर कि क्या धोनी के बल्लेबाजी क्रम में उपर खेलने का समय आ गया है, शास्त्री ने कहा कि कप्तान स्वयं इस बारे में फैसला करेगा. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए खेल का लुत्फ उठाने का समय है क्योंकि वह वर्षों से दिन रात कडी मेहनत कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘क्या आपको लगता है कि इसका समय से लेना देना है. वह वर्षों से रात दिन कडी मेहनत कर रहा है. उसे लुत्फ उठाने का मौका दीजिए. आप संभवत: महानतम एकदिवसीय कप्तान और खिलाडी की बात कर रहे हो. धोनी के बारे में चिंता मत करो, वह खुद फैसला करेगा कि उसके उपरी क्रम में बल्लेबाजी करनी है या नहीं.’ शास्त्री ने साथ ही स्पष्ट किया कि विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट में पांच गेंदबाजों के साथ खेलने का फैसला स्थायी रणनीति नहीं है और टीम संयोजन हालात और विरोधी पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा, ‘नहीं, यह (पांच गेंदबाजों के साथ खेलना) स्थायी रणनीति नहीं है. आपको परिस्थितियों का सम्मान करना होगा. क्रिकेट में आप यह नहीं कह सकते कि मैं इसी टीम के साथ उतरुंगा. अगर हालात पूरी तरह से अलग हो तो आपको इसका नुकसान उठाना पड सकता है.’
इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘आपको छह बल्लेबाजों की जरुरत हो सकती है, आपको चार मुख्य गेंदबाजों और एक आलराउंडर की जरुरत हो सकती है, आपके काम को अंजाम देने के लिए सिर्फ एक गेंदबाज भी पर्याप्त हो सकता है जिससे कि मुख्य गेंदबाजों को आराम मिले. आपको हालात और विरोधी के हिसाब से खेलना होगा. यह महत्वपूर्ण है कि आप विरोधी का अध्ययन करो और इसके बाद फैसला करो कि आपकी टीम का सर्वश्रेष्ठ संयोजन क्या है.’ एक सवाल के जवाब में शास्त्री ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान अब तक सबसे सफल श्रृंखला आस्ट्रेलिया दौरा रहा जहां खिलाडियों ने कडे सबक सीखे जिसने भारत की युवा टीम को क्रिकेट को लेकर जुनूनी और प्रदर्शन में निरंरता लाने का प्रयास करने वाला बनाया. उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण दौरा आस्ट्रेलिया का था. हम 2-0 से हारे लेकिन फिर भी मैं यह कह रहा हूं. इसके बाद विश्व कप हमारे लिए शानदार रहा लेकिन उस दौरे पर कडे सबक सीखे. अभ्यास के दौरान इन सबक पर ध्यान दिया गया जिससे मैं काफी खुश हूं क्योंकि यह युवा टीम है, खिलाडी जुनूनी हैं, वे सीखना चाहते हैं. वे अपनी उपलब्धियों के साथ शांत नहीं बैठना चाहते और लगातार अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं.’