नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने आज उच्चतम न्यायलय में आरोप लगाया कि बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने देश की शीर्ष अदालत के समक्ष झूठे बयान दिए हैं. श्रीनिवासन ने आरोप लगाया कि ठाकुर ने उनके खिलाफ कई भ्रामक बयान दिए जिसमें यह बयान भी शामिल है कि 28 अगस्त को कोलकाता में क्रिकेट बोर्ड की कार्य समिति की बैठक में वह ‘जबर्दस्ती’ अंदर घुस आए थे.
आईपीएल में टीम के मालिक होने के चलते उच्चतम न्यायालय ने हितों के टकराव के कारण श्रीनिवासन को बीसीसीआई के संचालन में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था. श्रीनिवासन ने कहा कि बोर्ड ने उनके बीसीसीआई बैठक में हिस्सा लेने पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए जो याचिका दायर की है उसमें ठाकुर ने 28 अगस्त की बैठक को लेकर झूठा हलफनामा दायर किया है. यह बैठक 28 अगस्त को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करनी पड़ी थी.
श्रीनिवासन ने ठाकुर के खिलाफ आईपीसी की धारा 193 (झूठे साक्ष्य देने के लिए सजा) और 209 (बेईमानी से अदालत में झूठा दावा करना) के तहत कार्रवाई की मांग की है. बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘झूठी (बीसीसीआई की) याचिका में बयान सिर्फ अनुराग ठाकुर के निजी बयान हो सकते हैं जिन्होंने बीसीसीआई की ओर से हलफनामे की आड में अपना निजी झूठा हलफनामा दायर करके इस अदालत की प्रक्रिया का अपमान किया है.’
श्रीनिवासन ने दावा किया कि वह बैठक में बैठे हुए थे और तत्कालीन अध्यक्ष 30 मिनट देर से आए और इसके बाद बैठक को बिना किसी चर्चा के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया इसलिए यह सुझाव देना गलत है कि वह बैठक में जबर्दस्ती अंदर घुस आए थे.