”दोबारा सहवाग जैसा बल्लेबाज नहीं मिलेगा”
नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से आज संन्यास लेने वाले वीरेंद्र सहवाग के साथ पिच पर सैकडों घंटे बिताने वाले गौतम गंभीर का मानना है कि ‘भारत को निकट भविष्य में कभी उसके जैसा बल्लेबाज दोबारा नहीं मिलेगा’. गंभीर ने दिल्ली और टीम इंडिया के अपने पूर्व साथी सहवाग के बारे में कहा, ‘‘वह (सहवाग) […]
नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से आज संन्यास लेने वाले वीरेंद्र सहवाग के साथ पिच पर सैकडों घंटे बिताने वाले गौतम गंभीर का मानना है कि ‘भारत को निकट भविष्य में कभी उसके जैसा बल्लेबाज दोबारा नहीं मिलेगा’.
गंभीर ने दिल्ली और टीम इंडिया के अपने पूर्व साथी सहवाग के बारे में कहा, ‘‘वह (सहवाग) भारत का महानतम सलामी बल्लेबाज और मैच विजेता है. सहवाग जैसा कोई और खिलाडी नहीं होगा. लेकिन आपको बामुश्किल ही इतने सुव्यवस्थित और सरल दिमाग का इंसान मिलता है. ऐसे काफी खिलाड़ी नहीं हैं जो विफल होने पर भी अपनी शैली पर कायम रहें. ‘
उन्होंने कहा, ‘‘देखिये अधिकांश सामान्य लोगों को संकट के समय खुद पर संदेह हो जाता है लेकिन वीरु को कभी नहीं लगा कि उसे कुछ बदलने की जरुरत है. विश्वास कीजिए किसी के लिए भी आज की दुनिया में यह आसान नहीं है जहां मीडिया इतनी कड़ी समीक्षा करता है. प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के अंतिम दिन तक वह अपने आत्मविश्वास पर कायम रहा.’ गंभीर की नजरें में मैदान के बाहर सहवाग के साथ साझेदारी ही मैदान पर उनके साथ सफलता का कारण बनी जबकि वे दो अलग व्यक्तित्व के लोग थे.
उन्होंने कहा, ‘‘लोग यह सोचकर गलती करते हैं कि समान मानसिकता वाले लोग अच्छी तरह घुल मिल जाते हैं. हमारे लिए यह दो अलग लोगों के एक दूसरे को समझने का मामला था. इससे हमारे खेल में भी मदद मिली. हम 2007 विश्व टी20 के दौरान करीब आए.’
गंभीर ने कहा, ‘‘इंग्लैंड दौरे के लिए टीम से बाहर होने के बाद उसने वापसी की थी. हम दोनों जगह पक्की करने की कोशिश कर रहे थे. हमने एक दूसरे की काफी मदद की जिससे जुडाव बढ़ा. मुझे एक मित्र और भाई मिला.’ सहवाग के साथ पसंदीदा साझेदारी के बारे में पूछने पर गंभीर ने सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरी पारी के प्रयास को सर्वश्रेष्ठ बताया.
उन्होंने कहा, ‘‘हम पहली पारी में 136 रन पर सिमट गए थे और दूसरी पारी में हमने 170 रन के आस पास की साझेदारी की. हमने स्टेन और मोर्कल का काफी अच्छी तरह सामना किया. कई मौकों पर मैं उसे किसी एक गेंदबाज का सामना करने को कहता था और खुद दूसरे से निपटता था.’ उन्होंने कहा, ‘‘इस सूची में दूसरी साझेदारी अहमदाबाद में मैच बचाने वाली साझेदारी है जहां महेला जयवर्धने ने दोहरा शतक जड़ा था.’