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सहवाग को रास नहीं आया कोटला

नयी दिल्ली : पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले वीरेंद्र सहवाग ने फिरोजशाह कोटला से अपने क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाया था लेकिन दुनिया भर के गेंदबाजों में दहशत पैदा करने वाला यह विस्फोटक बल्लेबाज अपने इस घरेलू मैदान पर शुरु से ही रनों के लिये तरसता रहा. आंकडे गवाह है कि दुनिया […]

नयी दिल्ली : पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले वीरेंद्र सहवाग ने फिरोजशाह कोटला से अपने क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाया था लेकिन दुनिया भर के गेंदबाजों में दहशत पैदा करने वाला यह विस्फोटक बल्लेबाज अपने इस घरेलू मैदान पर शुरु से ही रनों के लिये तरसता रहा.

आंकडे गवाह है कि दुनिया के हर मैदान पर अपनी धुआंधार और बेपरवाह बल्लेबाजी की छाप छोडने वाले सहवाग कोटला में अपने घरेलू दर्शकों के सामने कभी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाये. केवल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ही नहीं प्रथम श्रेणी मैचों और यहां तक कि इंडियन प्रीमियर लीग में भी वह अधिकतर समय कोटला में बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहे.
सहवाग फिरोजशाह कोटला में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कभी शतक नहीं जमा पाये. उन्होंने अपने इस मैदान पर नौ अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जिनमें उन्होंने 32.10 की औसत से 321 रन बनाये और इनमें उनका उच्चतम स्कोर 74 रन रहा. इन मैचों में तीन टेस्ट मैचों की पांच पारियां शामिल हैं जिसमें उन्होंने 40.20 की औसत से तीन अर्धशतकों की मदद से 201 रन बनाये.
एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में तो सहवाग कोटला में कभी 50 रन तक भी नहीं पहुंचे. उन्होंने यहां छह वनडे मैचों में केवल 120 रन बनाये और उनका औसत 24 रन प्रति पारी रहा. सहवाग का वनडे में कोटला में उच्चतम स्कोर 42 रन है जो उन्होंने 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था. लंबे और जबर्दस्त छक्के जड़ने के लिये मशहूर सहवाग कोटला में अंतरराष्ट्रीय मैचों में केवल चार छक्के लगा पाये. उन्होंने अपने घरेलू मैदान पर कभी कोई टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला.
अगर प्रथम श्रेणी मैचों की बात करें तो फिरोजशाह कोटला में दिल्ली या किसी अन्य टीम की तरफ से खेलते हुए सहवाग कभी अपनी ख्याति के अनुरुप प्रदर्शन नहीं कर पाये. उन्होंने दिल्ली की तरफ से कोटला में 15 प्रथम श्रेणी मैच खेले. इन मैचों की 23 पारियों में उन्होंने 36 . 73 की औसत से 845 रन बनाये जिसमें दो शतक और छह अर्धशतक शामिल हैं.
इन 15 मैचों में 14 रणजी ट्राफी के मैच शामिल हैं जबकि एक मैच सहवाग ने पाकिस्तान की नार्दर्न गैस पाइपलाइन लिमिटेड टीम के खिलाफ खेला था जिसमें उन्होंने शून्य और 37 रन बनाये थे. वर्तमान सत्र में दिल्ली के बजाय हरियाणा की तरफ से खेल रहे सहवाग ने इस महीने के शुरु में अपनी पुरानी टीम के खिलाफ कोटला में रणजी मैच खेला था.
इस मैच में भी वह बडी पारी नहीं खेल पाये थे. उन्होंने मैच में 37 और 51 रन बनाये थे. यदि लिस्ट ए के मैचों की बात करें तो सहवाग ने कोटला में दस मैचों की सात पारियों में 28.14 की औसत से 197 रन बनाये हैं जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 71 रन है जो उन्होंने 1998 में सेना के खिलाफ बनाया था.
दिल्ली की तरफ से उन्होंने कोटला में पांच टी20 मैच खेले जिसमें 179 रन बनाये और इन मैचों में उनका सर्वोच्च स्कोर 85 रन था. आईपीएल में सहवाग लंबे समय तक दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलते रहे और इसलिए उन्होंने इस टी20 लीग के सर्वाधिक मैच कोटला में खेले. इन मैचों में सहवाग के पास 2013 में मुंबई इंडियन्स के खिलाफ शतक जड़ने का मौका था लेकिन वह 95 रन बनाकर नाबाद रहे क्‍योंकि उनकी टीम ने लक्ष्य हासिल कर लिया था.
सहवाग ने डेयरडेविल्स की तरफ से कोटला में आईपीएल और चैंपियन्स लीग में कुल मिलाकर 35 मैच खेले उनमें 31.54 की औसत से 1041 रन बनाये जिसमें आठ अर्धशतक शामिल हैं. उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से भी दो मैच कोटला में खेले हैं जिनमें वह 23 और एक रन ही बना पाये.

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