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शिखर धवन के बचाव में उतरे गावस्कर, कहा एक और मौका मिलना चाहिए

मोहाली : शिखर धवन भले ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्तमान टेस्ट मैच की दोनों पारियों में खाता खोलने में नाकाम रहे हों लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर आज उनका समर्थन करते हुए कहा कि रिकार्ड को देखते हुए बायें हाथ का यह सलामी बल्लेबाज एक और मौके का हकदार है. शिखर पिछले कुछ […]

मोहाली : शिखर धवन भले ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्तमान टेस्ट मैच की दोनों पारियों में खाता खोलने में नाकाम रहे हों लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर आज उनका समर्थन करते हुए कहा कि रिकार्ड को देखते हुए बायें हाथ का यह सलामी बल्लेबाज एक और मौके का हकदार है.

शिखर पिछले कुछ समय से रन बनाने के लिये जूझ रहे हैं और यहां दोनों पारियों में शून्य पर आउट हुए. गावस्कर से पूछा गया कि क्या धवन को विश्राम दिये जाने की जरुरत है, उन्होंने कहा, ‘‘यह मुश्किल फैसला होगा लेकिन यदि आप उसके टेस्ट रिकार्ड पर गौर करो. पिछले दो टेस्ट मैचों में उसने शतक लगाये थे. ” उन्होंने कहा, ‘‘वह वनडे मैचों में भी संघर्ष कर रहा था लेकिन आखिरी वनडे में उसने अर्धशतक जमाया.
मुझे लगता है कि वह एक और टेस्ट मैच खेलने का हकदार है क्योंकि यदि आप उसे बाहर बिठाते हो तो फिर दायें हाथ के दो बल्लेबाज पारी का आगाज करेंगे. मैं निश्चित तौर पर चाहूंगा कि शिखर धवन को एक और मौका मिले. ” गावस्कर ने कहा कि जिस तरह से पिच का मिजाज है उसे देखते हुए 300 के आसपास का स्कोर भारत को मैच जिता सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि 300 के करीब का स्कोर आदर्श होगा लेकिन जिस तरह से पिच का मिजाज है और गेंद टर्न कर रही है तो 200 का स्कोर भी अच्छा होगा. लेकिन 300 के करीब के स्कोर तक पहुंचना दक्षिण अफ्रीका के लिये बहुत मुश्किल होगा. ” भारत ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक दो विकेट पर 125 रन बनाये हैं और उसकी कुल बढ़त 142 रन की हो गयी है.
गावस्कर ने भारतीय स्पिनरों को भी सलाह दी और कहा कि इस पिच पर वे दक्षिण अफ्रीका को 184 से भी कम स्कोर पर आउट कर सकते थे. उन्होंने कहा, ‘‘यह उस तरह की पिच है जैसा कि भारतीय टीम चाहती थी. वे इसी तरह की पिच चाहते थे और इसलिए यदि स्पिनरों ने सभी दस विकेट लिये तो हैरानी नहीं हुई. ” गावस्कर ने कहा, ‘‘मेरी गेंदबाजों के लिये यह ईमानदार सलाह है कि गेंद को आगे पिच कराओ और फिर आप दक्षिण अफ्रीका को पहली पारी से भी कम स्कोर पर आउट कर सकते हो. ”
उन्होंने मुरली विजय के आउट होने के बाद किसी नाइटवाचमैन को भेजने के बजाय स्वयं बल्लेबाजी के लिये आने के कप्तान विराट कोहली के फैसले की सराहना भी की क्योंकि तब केवल छह ओवर बचे हुए थे. गावस्कर ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह सकारात्मक कदम था. मेरा हमेशा मानना रहा है कि आठवें, नौवें या दसवें नंबर पर खेलने वाले किसी अन्य बल्लेबाज की बलि देने के बजाय जो बेहतर बल्लेबाज है उसे उतरना चाहिए. इससे पता चलता है कि कोहली को खुद पर पूरा भरोसा है. ”

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