मुंबई: हितों के टकराव के मसले पर बीसीसीआई अध्यक्ष मनोहर शशांक ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. आपरेशन ‘क्लीन अप’ के तहत उन्होंने कई सुधारों का ऐलान किया. जिनमें पहला तो उन्होंने रिटायर्ड जज की न्यायमित्र के तौर पर नियुक्ति की है.
दूसरा टीम इंडिया के निदेशक रवि शास्त्री को आईपीएल संचालन परिषद से हटा दिया. इसके अलावा हितों के टकराव से बचने के लिये रोजर बिन्नी को भी चयन समिति से हटा दिया गया है. इसके साथ ही पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को अनिल कुंबले की जगह बोर्ड की तकनीकी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. गगन खोडा और एमएसके प्रसाद चयन समिति के नये सदस्य होंगे जो राजिंदर सिंह हंस और बिन्नी की जगह लेंगे.
बीसीसीआई ने राजीव शुक्ला को ही आईपीएल संचालन परिषद का अध्यक्ष बनाये रखने का फैसला किया है. समिति में ज्योतिरादित्य सिंधिया, एम पी पांडोव, अजय शिर्के और गांगुली हैं. मनोहर ने कहा ,‘‘ मैने एक महीने पहले जो कुछ भी कहा था कि हम व्यवस्था को साफ सुथरा बनायेंगे और बोर्ड को पारदर्शी ढंग से चलायेंगे, हमने उस पर अमल किया है.” यह सफाई अभियान 2013 आईपीएल स्पाट फिक्सिंग प्रकरण के मद्देनजर शुरु किया गया.
* स्टुअर्ट बिन्नी को चयनकर्ता का बेटा होने की आलोचना नहीं झेलनी पडे इसलिए रोजर को हटाया गया
रोजर बिन्नी को चयन समिति से हटाने के बारे में मनोहर ने कहा कि यह फैसला इसलिये किया गया है ताकि उनके बेटे स्टुअर्ट को चयनकर्ता का बेटा होने की आलोचना नहीं झेलनी पडे. उन्होंने कहा ,‘‘ नजरिया बदलना होगा. स्टुअर्ट बिन्नी के साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिये. हम उसका कैरियर बर्बाद नहीं कर सकते. उसे मीडिया की आलोचना का शिकार नहीं होना चाहिये. रोजर बिन्नी का बेटा होने का यह मतलब नहीं है कि वह खेल नहीं सकता.”