श्रीलंका की आक्रामकता अब पुरानी बात : इशांत

बेंगलुरु : श्रीलंकाई दौरे में अपने आक्रामक व्यवहार के कारण एक मैच का प्रतिबंध झेलने वाली भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने कहा कि अब वह उस बारे में सोच भी नहीं रहे हैं. निलंबन के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मोहाली में पहले टेस्ट मैच में नहीं खेल पाने वाले इशांत ने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2015 8:51 PM

बेंगलुरु : श्रीलंकाई दौरे में अपने आक्रामक व्यवहार के कारण एक मैच का प्रतिबंध झेलने वाली भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने कहा कि अब वह उस बारे में सोच भी नहीं रहे हैं. निलंबन के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मोहाली में पहले टेस्ट मैच में नहीं खेल पाने वाले इशांत ने कहा कि श्रीलंका में जो हुआ उसके बारे में सोचने के बजाय वह भविष्य पर ध्यान देना पसंद करेंगे.

उन्होंने बीसीसीआई.टीवी से कहा, ‘‘जिंदगी में कई बार हम पीछे मुडकर देखते हैं और पुरानी बातों को याद करते हैं और सोचते हैं कि यदि मैं ऐसा करता या नहीं करता तो चीजें भिन्न होती. इसका कोई जवाब नहीं होता है. जब मुझ पर मोहाली टेस्ट का प्रतिबंध लगा तो मैंने फैसला किया कि मैं पीछे मुडकर नहीं देखूंगा. श्रीलंका में जो कुछ हुआ वह बीती बात है और मैं उस बारे में नहीं सोचना चाहता. ”

श्रीलंकाई दौरे में अपने गुस्से के कारण इशांत को कई पूर्व क्रिकेटरों की आलोचना झेलनी पडी थी. इस दौरे में उनकी धम्मिका प्रसाद के साथ झडप भी हुई थी. इशांत ने कहा, ‘‘धम्मिका प्रसाद मेरे लिये बाउंसर कर रहा था. एक ओवर में आप केवल दो बाउंसर कर सकते हो लेकिन उसने तीसरा भी किया. मैं जानता था कि वह ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि गेंदबाजी करते समय मैंने उसके हाथ पर लगायी थी. ”

उन्होंने कहा, ‘‘जो भी हो जब उसने तीसरा बाउंसर किया तो मैंने उससे केवल इतना कहा कि ‘तुम इतनी धीमी गेंद करते हो कि मेरे हेलमेट पर लगा सको.’ वह गुस्सा हो गया और श्रीलंका के अन्य खिलाडियों ने भी उसका साथ दिया. यहां से मामला गरमाया और जब मैं गेंदबाजी के लिये आया तो तब उसका प्रभाव पड़ा. ”

इशांत ने कहा, ‘‘तेज गेंदबाज होने के कारण खुद को उर्जावान बनाये रखने और कुछ हासिल करने के लिये आपको कुछ करना पड़ता है. मेरे लिये वह ऐसा ही पल था. मैं जानता हूं कि कई लोग सोचते होंगे कि मैंने जो किया वह बहुत गलत था क्योंकि मुझ पर प्रतिबंध लगा. मुझ पर प्रसाद के साथ झडप के कारण प्रतिबंध नहीं लगा, जिसके लिये कि सभी मेरी आलोचना कर रहे थे.

मुझ पर प्रतिबंध इसलिए लगा क्योंकि मैंने बल्लेबाज को आउट करने के बाद उसके पास जाकर जश्न मनाया. इसकी अनुमति नहीं है. उत्साह में ऐसा हो गया. ” बेहतर गेंदबाज बनने के लिये अपनी तकनीक में किये गये बदलावों के बारे में इशांत ने कहा कि वह अब अधिक गेंदबाजी और छोटे रन अप से गेंदबाजी करने पर ध्यान दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी गेंदबाजी पर बहुत काम नहीं किया.

मैं केवल अधिक गेंदबाजी कर रहा हूं. सभी कहते हैं कि तेज गेंदबाजों को एशिया में विकेट नहीं मिलेंगे और यहां की पिचें स्पिनरों के अनुकूल होती है. लेकिन कुछ ऐसे दौर होते हैं जबकि कुछ नहीं होता और विकेट आसानी से नहीं मिलते. तब एक तेज गेंदबाज होने के नाते आपको खुद से कहना पडता है कि मुझे अपने कप्तान के लिये विकेट लेना होगा. इसके लिये आपको आत्मविश्वास की जरुरत पडती है.

मैंने अपना अधिक गेंदबाजी करके इसे हासिल किया. ” इशांत ने कहा, ‘‘मैंने अपने रन अप को थोड़ा छोटा किया क्योंकि जब मैं दौड़ता था तो सहज महसूस नहीं करता था. कुछ चीज की कमी खलती थी. मैं कई नोबाल भी कर रहा था. रन अप छोटा करने के बाद मैं अधिक सहज महसूस करता हूं और नोबाल की संख्या में भी कमी आयी है. जब आप अपने रन अप में सहज महसूस करते हो तो आपकी गेंदबाजी की लय में खुद ही सुधार होता है. ”

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