किसी भी युग में सफल रहता तेंदुलकर : गावस्कर
मुंबई: पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने आज कहा कि सचिन तेंदुलकर अपनी बेहतरीन तकनीक और धैर्य के कारण किसी भी युग में सफल रहता. उन्होंने अपने इस दावे के समर्थन में सर डान ब्रैडमैन के शब्दों का सहारा लिया. गावस्कर ने कहा, ‘‘जैसा कि सर डान ब्रैडमैन ने कहा कि एक युग का महान […]
मुंबई: पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने आज कहा कि सचिन तेंदुलकर अपनी बेहतरीन तकनीक और धैर्य के कारण किसी भी युग में सफल रहता. उन्होंने अपने इस दावे के समर्थन में सर डान ब्रैडमैन के शब्दों का सहारा लिया.
गावस्कर ने कहा, ‘‘जैसा कि सर डान ब्रैडमैन ने कहा कि एक युग का महान खिलाड़ी किसी भी युग में महान होता है. अगर आप उसकी तकनीक को देखो, अगर आप उसके धैर्य को देखो तो मुङो लगता है कि वह किसी भी युग में सफल रहता.’’ गावस्कर ने हालांकि ब्रैडमैन की तुलना तेंदुलकर के साथ करने से इनकार कर दिया.
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘आप दो अलग अलग युगों के खिलाड़ियों की तुलना नही कर सकते.आप अधिक से अधिक इतना कर सकते हो कि एक टीम के दो खिलाड़ियों की तुलना कर सकते हो. मुझेनही लगता कि दो युग के खिलाड़ियों की तुलना करना सही होगा. यह डिनर के बाद होने वाली बहस के लिए ही ठीक है.’’ गावस्कर ने कहा कि ब्रैडमैन, सर गारफील्ड सोबर्स और तेंदुलकर का क्रिकेट में वही दर्जा है जो माइकल जोर्डन का बास्केटबाल, मोहम्मद अली का मुक्केबाजी और पेले का फुटबाल में.
गावस्कर ने कहा कि उन्होंने उस समय तेंदुलकर की प्रतिभा पहचान ली थी जब उन्हें उनके पहले प्रथम श्रेणी मैच में बल्लेबाजी करते हुए देखा था.
उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार मैंने उसे उसके पदार्पण मैच में शेष भारत के खिलाफ खेलते हुए था और फिर उसके बाद वानखेड़े स्टेडियम में रणजी ट्राफी मैच में मुंबई की ओर से खेलते हुए. उसने निश्चित तौर पर आगे बढ़ने और दुनिया के गेंदबाजों का जीवन मुश्किल में डालने की क्षमता दिखाई थी.’’ गावस्कर का मानना है कि तेंदुलकर की सफलता का अहम कारण मैदान के अंदर और बाहर उनका संतुलन है.