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क्रिकेट के भविष्‍य के लिए जूनियर क्रिकेट को बचाना होगा : राहुल द्रविड

नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड ने आज बीसीसीआई से भारत में जूनियर क्रिकेट के लिये खाका तैयार करने की अपील की और कहा कि खेल के विकास के लिये जूनियर स्तर पर उम्र में धोखाधड़ी और अवैध गेंदबाजी एक्शन से निजात पाना बेहद जरुरी है. द्रविड ने कहा, ‘‘जब मैंने सुना कि […]

नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड ने आज बीसीसीआई से भारत में जूनियर क्रिकेट के लिये खाका तैयार करने की अपील की और कहा कि खेल के विकास के लिये जूनियर स्तर पर उम्र में धोखाधड़ी और अवैध गेंदबाजी एक्शन से निजात पाना बेहद जरुरी है.

द्रविड ने कहा, ‘‘जब मैंने सुना कि अंडर-19 गेंदबाज की संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिये रिपोर्ट की गयी है तो मैं इससे बहुत निराश हुआः उसके उस उम्र तक पहुंचने तक कोच क्या कर रहे थे. क्या उसके गलत एक्शन की शुरुआत दस वर्ष की उम्र से हुई थी. क्या उसके आगे के प्रशिक्षकों ने इसे नजरअंदाज किया क्योंकि वह विकेट ले रहा था और मैच जीत रहा थाः ‘

उन्होंने कहा, ‘‘जब 19 साल की उम्र में एक कडी मेहनत करने वाले लड़के, जो जूनियर विश्व कप में खेल सकता है, की संदिग्ध एक्शन के लिये रिपोर्ट की जाती है तो वह अपने एक्शन में सुधार के लिये चला जाता है. शार्ट कर्ट से हासिल किये गये इन अल्प अवधि के लक्ष्यों के कारण बच्चा आहत होता है कि क्यों हम वयस्क उससे आंख फेर देते हैं. ‘

द्रविड ने चौथे एमएके पटौदी मेमोरियल लेक्चर में कहा, ‘‘इसी तरह से अल्प अवधि के परिणामों पर जोर देने के कारण जूनियर स्तर के मैचों में अधिक उम्र के खिलाडी खेलते हैं. यह पूरी प्रक्रिया तब शुरु होती है जब एक कोच खिलाडी की जन्मतिथि को बदलकर उसे स्थानीय टूर्नामेंट में खेलने की अनुमति देता है. ‘

द्रविड ने कहा, ‘‘सचाई यह है कि जो खिलाशप अपनी उम्र में धोखाधडी करता है वह जरुरी नहीं कि जूनियर स्तर पर इसलिए जगह बनाये कि वह बेहतर है बल्कि इसलिए टीम में स्थान बनाये क्योंकि वह शारीरिक रुप से मजबूत और बड़ा है. इसका गहरा प्रभाव पडेगा क्योंकि एक ईमानदार और प्रतिभाशाली खिलाड़ी को टीम से बाहर होना पड़ता है और उसे हमेशा के लिये खोने का जोखिम पैदा हो जाता है. उम्र के साथ धोखाधड़ी जहर के समान खतरनाक है. ‘

द्रविड ने इसके साथ ही कहा कि बीसीसीआई को युवाओं को आकर्षित करने के लिये अधिक प्रयास करने की जरुरत है. उन्होंने कहा, ‘‘हम युवा खिलाडियों को आकर्षित करने के लिये ज्यादा कुछ नहीं कर रहे हैं और इसलिए प्रतिभा गंवा रहे हैं. क्रिकेट अब युवाओं के लिये नंबर एक खेल नहीं रहा. एक शीर्ष खेल उपकरण निर्माता कंपनी ने मुझे बताया कि क्रिकेट उपकरणों की बिक्री में गिरावट आयी है.

मुझे लगता है कि भारत में जूनियर क्रिकेट के लिये हमें खाका तैयार करने की जरुरत है. हमें अपने प्रशिक्षकों को गाइड करने का तरीका ढूंढना होगा. इसके लिये अच्छी तरह से परिभाषित दिशानिर्देश होने चाहिए. ‘ द्रविड ने जूनियर क्रिकेट में रोटेशन प्रणाली का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, ‘‘हमें जूनियर क्रिकेट को समय देने की जरुरत है. ‘ उन्होंने इसके साथ ही युवा क्रिकेटरों के बहुत जल्दी खेल को छोड़ने के चलन और किस तरह से माता पिता युवा क्रिकेटरों पर दबाव बनाते हैं, उस पर भी बात की.

इस 42 वर्षीय खिलाड़ी ने लगातार शिक्षा देने पर जोर दिया ताकि वे अच्छे इंसान बन सकें. इस कार्यक्रम में भारत और दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीमों ने हिस्सा लिया जो यहां फिरोजशाह कोटला में चौथा टेस्ट मैच खेलेंगी. पटौदी की पत्नी शर्मिला टैगोर भी कार्यक्रम में उपस्थित थी.

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