जिंदगी भर करता रहूंगा क्रिकेट के भगवान की भक्ति : सुधीर चौधरी
नयी दिल्ली : क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के मैदान से विदा होने के बावजूद सुधीर चौधरी की उनके प्रति भक्ति कम नहीं हुई है और अब वह शरीर पर मिस यू तेंदुलकर पोतकर भारतीय टीम के हर मैच में नजर आयेंगे.पिछले 11 साल से भारत में टीम इंडिया के हर मैच में शरीर पर […]
नयी दिल्ली : क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के मैदान से विदा होने के बावजूद सुधीर चौधरी की उनके प्रति भक्ति कम नहीं हुई है और अब वह शरीर पर मिस यू तेंदुलकर पोतकर भारतीय टीम के हर मैच में नजर आयेंगे.पिछले 11 साल से भारत में टीम इंडिया के हर मैच में शरीर पर तिरंगे के रंग पोतकर और पीठ पर तेंदुलकर की जर्सी का नंबर 10 लिखकर तिरंगा लहराते चौधरी क्रिकेटप्रेमियों की स्मृति का हिस्सा बन चुके हैं. तेंदुलकर के क्रिकेट को अलविदा कहने से वह दुखी है लेकिन उनका कहना है कि वह मैदान पर क्रिकेट के भगवान की कमी नहीं खलने देंगे.
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वनडे मैच में भारतीय टीम की हौसला अफजाई करने पहुंचे चौधरी ने कहा, मैंने अपना जीवन सचिन को समर्पित कर दिया है और मैं आगे भी भारतीय टीम के हर मैच में यूं ही तिरंगा लहराता रहूंगा. मेरी पीठ पर हमेशा की तरह 10 और तेंदुलकर लिखा होगा लेकिन उसके उपर अब मिस यू जुड़ जायेगा.
मुजफ्फरपुर के रहने वाले इस 32 वर्षीय क्रिकेटप्रेमी ने कहा , मैं मैदान पर सचिन सर की कमी नहीं खलने दूंगा. इसी तरह टीम इंडिया की हौसला अफजाई करुंगा और आखिरी सांस तक सचिन सर का नाम लेता रहूंगा. सचिन के प्रति उनकी दीवानगी की शुरुआत 2002 में हुई जब पहली बार मुंबई में वह इस चैम्पियन बल्लेबाज से मिले थे. सचिन ने उन्हें मैच के पास दिये और तब से शुरु हुआ सिलसिला पिछले शनिवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ सचिन के आखिरी और 200वें टेस्ट तक जारी रहा. मैच के बाद वानखेड़े स्टेडियम के भीतर उनका प्रवेश भी सचिन ने सुनिश्चित कराया था.
चौधरी ने कहा , जब सचिन सर आखिरी बार मैदान से लौटे तो मैं फूट फूटकर रोया. उसके बाद उन्होंने भाषण दिया तो मैं सबसे पीछे खड़ा था और मेरे आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. उन्होंने मुझे अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस में भी बुलाया लेकिन भीड़ इतनी थी कि मेरी उनसे मुलाकात नहीं हो सकी.
सचिन और टीम इंडिया की हौसलाअफजाई के लिये पाकिस्तान और बांग्लादेश तक साइकिल से जा चुके चौधरी ने कहा , मैं मुंबई में और रुक नहीं सकता था क्योंकि मुझे कोच्चि पहुंचना था लेकिन मैं सचिन सर से बाद में जाकर मिलूंगा. फोन पर भी बात करता रहूंगा.
भारत के विश्व कप 2011 जीतने के बाद तेंदुलकर ने उन्हें टीम ड्रेसिंग रुम में बुलाकर ट्राफी के साथ तस्वीर खींचने का मौका दिया था जो उसके जीवन का सबसे यादगार पल है. उसने कहा , मैं उस पल को मरते दम तक नहीं भूल सकता. विश्व कप जीतने के बाद ड्रेसिंग रुम में मुझे बुलाकर ट्राफी के साथ फोटो खीचने का सचिन सर ने मौका दिया. वह महान खिलाड़ी ही नहीं महान इंसान भी हैं. चौधरी ने कहा कि भविष्य में सचिन जिस रुप में भी क्रिकेट से जुड़ेंगे, वह यूं ही उनकी हौसला अफजाई करेंगे. उन्होंने कहा , क्रिकेट सचिन सर के लिये आक्सीजन है और वह जरुर फिर लौटेंगे. किसी और रुप में सही. लेकिन उनका यह भक्त हमेशा की तरह उनके लिये मौजूद होगा.