नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने एक तरह से भारतीय स्थिति का पक्ष लेते हुए कहा कि उन्हें नागपुर की स्पिनरों की मददगार पिच में कुछ भी गलत नजर नहीं आता जहां भारत ने हाल में दक्षिण अफ्रीका को तीन दिन के अंदर करारी शिकस्त दी. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि दुनिया भर में कहीं भी तेज गेंदबाजों के अनुकूल पिचों पर खेले जाने वाले टेस्ट मैचों को लेकर आंख मूंद दी जाती है.
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स्पिनरों की मददगार नागपुर की पिच में कुछ भी गलत नहीं : चैपल
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने एक तरह से भारतीय स्थिति का पक्ष लेते हुए कहा कि उन्हें नागपुर की स्पिनरों की मददगार पिच में कुछ भी गलत नजर नहीं आता जहां भारत ने हाल में दक्षिण अफ्रीका को तीन दिन के अंदर करारी शिकस्त दी. उन्होंने इसके साथ ही कहा […]
वीसीए की पिच पर पहले दिन से ही स्पिनरों को मदद मिलने लग गयी थी और भारत ने तीन दिन के अंदर दक्षिण अफ्रीका को 124 रन से हरा दिया था. आईसीसी ने पिच की स्थिति ‘खराब’ करार दिया और इस संबंध में बीसीसीआई से रिपोर्ट मांगी. चैपल ने भारतीय टीम के निदेशक रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली की इस सबंध में की गयी टिप्पणियों का समर्थन किया जिन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में कुछ मैच तीन दिन के अंदर समाप्त हो जाते हैं और इसलिए नागपुर के विकेट में कुछ भी गलत नहीं था.
चैपल ने अपने कालम में लिखा, ‘‘नागपुर और एडिलेड में टेस्ट मैचों के लिये तैयार किये गये विकेट को लेकर पैदा हुए विवाद में अब समय है जबकि यह यह सवाल पूछा जाए कि यदि पलक झपकते ही टेस्ट मैच समाप्त हो रहे हैं तो उसके लिये पिचें जिम्मेदार हैं या खिलाडी?” उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम के निदेशक रवि शास्त्री ने सही कहा कि यदि आईसीसी नागपुर की पिच की जांच कर रही है तो फिर एडिलेड की पिच की भी इसी तरह से जांच क्यों नहीं की जा रही है जहां इसी तरह से कम समय में मैच समाप्त हो गया था. ” पिछले महीने एडिलेड में पहले दिन रात्रि टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को तीन दिन के अंदर हरा दिया था.
चैपल ने हैरानी जतायी कि यदि किसी पिच से पहले दिन से स्पिनरों को मदद मिल रही है तो वह पहले दिन तेज गेंदबाजों के लिये मददगार विकेट से खराब कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘एक अच्छा बल्लेबाज किसी भी परिस्थिति में अच्छा प्रदर्शन करके और किसी भी तरह की चुनौती का सामना करके गर्व महसूस करता है. जो पिच पहले दिन स्पिन ले रही हो वह पहले दिन तेज गेंदबाजों के अनुकूल वाली पिच से कैसे खराब होनी चाहिए. ”
चैपल ने कहा, ‘‘इससे सवाल पैदा होता है कि अच्छी पिच कौन सी है. अच्छी पिच वह होती है जिसमें बल्ले और गेंद के बीच मुकाबला हो और मैच करीबी रहे. इसका मतलब है कि क्षेत्र दर क्षेत्र अच्छी पिच भिन्न हो सकती है. कुछ जगहों पर पिच तेज गेंदबाजों के अनुकूल होती है जबकि अन्य स्थानों पर यह स्पिनरों के मुफीद होती है. ”
चैपल ने अंतरराष्ट्रीय टीमों को क्यूरेटरों को दोष देने के बजाय अपने खिलाडियों के तकनीक पर ध्यान देने की सलाह दी. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों टीमें एक ही टेस्ट पिच पर खेलती है और यदि एक टीम तकनीकी तौर पर उससे सामंजस्य नहीं बिठा पाती है तो यह क्यूरेटर का दोष नहीं है. अब खिलाडियों पर ध्यान देने और क्यूरेटरों को दोष देना बंद करने का समय आ गया है. ”
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