नयी दिल्ली : दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ ने इसके पूर्व प्रमुख और वित्तमंत्री अरुण जेटली के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आम आदमी पार्टी के आरोपों को आज फिर खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप सरासर बेबुनियाद हैं.
लगातार दूसरे दिन डीडीसीए के आला अधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस करके जेटली के खिलाफ आप द्वारा लगाये गए आरोपों को खारिज किया. आप ने आज आरोप लगाया कि जेटली के डीडीसीए अध्यक्ष के रुप में 13 साल के कार्यकाल में भारी वित्तीय अनियमिततायें हुई है और भारी रकम फर्जी कंपनियों को दी गई जबकि टीम चयन में भी अनियमिततायें हुई. डीडीसीए के कार्यवाहक अध्यक्ष चेतन चौहान ने कहा कि जेटली ने क्रिकेट की बेहतरी के लिये काम किया और फिरोजशाह कोटला स्टेडियम को विश्व स्तरीय मैदान बनाया लिहाजा उन्हें इस विवाद में घसीटना सही नहीं है.
उन्होंने कहा ,‘‘ हमने कल भी बात करके कुछ मसलों पर स्थिति स्पष्ट की. हम कुछ छिपा नहीं रहे हैं और ना कभी छिपायेंगे.” उन्होंने कहा ,‘‘ कल मैने कहा था कि स्टेडियम बनाने में 114 करोड़ रुपये की लागत आई. शुरुआत में ईपीआईएल को ग्राउंड फ्लोर के एक ब्लाक के लिये 27 करोड़ रुपये का करार दिया गया था. इसके बाद हमने तीन मंजिलें खडी की ताकि 45000 तक क्षमता बढ़ जाये. शुरुआती निर्माण की लागत 57.20 करोड़ रुपये थी जिसके बाद 114 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ. मैने कल गलती से 141 करोड़ रुपये कह दिया था. मैं ब्रेकअप दे सकता हूं.”
यह पूछने पर कि जेटली को क्लीन चिट कैसे दे सकते हैं, चौहान ने कहा ,‘‘ जेटली के कार्यकाल में कोई धोखाधड़ी नहीं हुई. आप एसएफआईओ की रिपोर्ट देख सकते हैं. प्रक्रियागत खामियां थी जिनके लिये हमने जुर्माना भर दिया. उनके कार्यकाल में कोई आपराधिक मामला नहीं है. ऐसा होता तो एसएफआईओ कार्रवाई करता.”
यह पूछने पर कि जेटली ने 2013 में डीडीसीए अध्यक्ष पद क्यो छोडा, चौहान ने कहा ,‘‘ क्योंकि उस समय विधानसभा चुनाव थे. हम चाहते थे कि वह पद पर बने रहे लेकिन फिर लोकसभा चुनाव थे. उन्होंने कभी रोजमर्रा के काम में हस्तक्षेप नहीं किया. हमने हमेशा उनसे मार्गदर्शन लिया.” उन्होंने कहा कि डीडीसीए मसले में जांच करना दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
उन्होंने कहा ,‘‘ उन्होंने जांच की लेकिन हमें बताइये कि इसके नियम शर्तें क्या थी. हमें नहीं पता कि कोई जांच समिति बनाई गई थी. उनके पास हमसे सवाल पूछने का अधिकार नहीं है क्योंकि हम सेक्शन 25 कंपनी है और केंद्रीय कंपनी कार्यों के मामलों के अधीन आते हैं.” पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद द्वारा लगाये गए आरोपों पर चौहान ने कहा कि उन्हें सलाहकार समिति का सदस्य बनने के लिये कहा गया था लेकिन वह चयन समिति की बैठकों में भाग लेना चाहते थे.
उन्होंने कहा ,‘‘ हमने क्रिकेट सलाहकार समिति का गठन किया लेकिन फिर उन्होंने कहा कि उन्हें एक कमरा और स्टेनो चाहिये. फिर वह चयन समिति की बैठकों में भाग लेना चाहते थे जब मैं चयन समिति का अध्यक्ष था. हमें उनसे कहना पड़ा कि हमने उन्हें सलाह लेने के लिये बुलाया है, सारे अधिकार लेने के लिये नहीं.”
दिल्ली टीम के चयन में भ्रष्टाचार की वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की शिकायतों के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ किसी ने टीम चयन में दखल नहीं दिया. 90 फीसदी मामलों में हमने कप्तान की राय मानी. जहां तक वीरु के आरोपों का सवाल है तो उसे पता चल जायेगा कि उसका नया राज्य संघ (हरियाणा) कैसे चलता है. हमें इसमें पड़ने की जरुरत नहीं है.”