ऑस्ट्रेलिया के लिए मुझे प्रयोग की जरुरत नहीं : हरभजन सिंह
नयी दिल्ली : पिछले 15 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बल्लेबाजों को परेशान करने के बाद हरभजन सिंह को अब कुछ साबित करने की जरुरत नहीं है और उनका मानना है कि वह आगामी टूर्नामेंटों के लिये भी अपने आजमाये हुए मजबूत पक्षों पर ही भरोसा करेंगे. हरभजन को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिये भारत की […]
नयी दिल्ली : पिछले 15 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बल्लेबाजों को परेशान करने के बाद हरभजन सिंह को अब कुछ साबित करने की जरुरत नहीं है और उनका मानना है कि वह आगामी टूर्नामेंटों के लिये भी अपने आजमाये हुए मजबूत पक्षों पर ही भरोसा करेंगे.
हरभजन को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिये भारत की टी20 टीम में चुना गया है जो मार्च में भारत में होने वाले विश्व टी20 से पहले होगा. इस आफ स्पिनर से जब पूछा गया कि विश्व टी20 जल्द ही होने वाला है तो क्या वह इसके लिये कुछ खास गेंद इजाद कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मुझे प्रयोग करने या कैरम बाल या इस तरह की किसी गेंद पर काम करने की जरुरत है.
आफ ब्रेक और दूसरा मेरे मजबूत पक्ष हैं. इससे मुझे पिछले 15 वर्षों में अच्छे परिणाम मिले हैं और कोई भी मुझसे मेरे 700 अंतरराष्ट्रीय विकेटों को नहीं छीन सकता है. ” दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन करने के बाद भारत की एकदिवसीय टीम से बाहर किये जाने से वह निराश होंगे लेकिन उन्होंने इस बारे में एक भी शब्द नहीं कहा.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने चार मैचों में छह विकेट लिये और उनका इकोनोमी रेट 5.50 रहा. हरभजन ने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे श्रृंखला में मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा. अभी मेरा ध्यान भारत के लिये विश्व टी20 जीतने पर है. मेरे नाम पर दो विश्व खिताब : 2007 में टी20 और 2011 में 50 ओवरों का : हैं इसलिए यदि मैं अपनी विश्व खिताब की हैट्रिक पूरी करने में भारत की मदद कर सकता हूं तो यह वास्तव खास होगा. ”
हरभजन को खुशी है कि भारतीय टीम में उनके करीबी दोस्त आशीष नेहरा ने लगभग साढे चार साल बाद वापसी की है. उन्होंने कहा, ‘‘आशीष नेहरा भारत के लिये मैच विजेता रहा है. उसने दक्षिण अफ्रीका में 2003 में विश्व कप के दौरान अहम भूमिका निभायी थी और वह 2011 विश्व कप अभियान में हमारा गुमनाम नायक था. केवल स्कोर बुक देखो कि नेहरा ने देश को कितने मैच जितवाये हैं.
पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में सेमीफाइनल में उसने डेथ ओवरों में बेहतरीन गेंदबाजी की थी लेकिन इसके बाद उसे चार साल तक भारतीय टीम में नहीं चुना गया. ” हरभजन का मानना है कि किसी खिलाड़ी को बाहर करने का मानदंड उम्र नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रदर्शन आखिरी मानदंड होना चाहिए. यदि मैं भारतीय टीम में हूं और विश्व टी20 के लिये चुना जा सकता हूं तो इसलिए क्योंकि मैंने आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया था.
उम्र को लेकर यह बकवास क्या है. क्या हम 50 साल के हो गये हैं जो चलने में दिक्कत हो रही हो. हम 35 साल के हैं और अब भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों ने 38-39 वर्ष तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेली है. ” हरभजन ने कहा, ‘‘यदि मैं प्रदर्शन कर रहा हूं और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिये फिट हूं तो यह मानदंड होना चाहिए. क्या कोई मुझसे इतने वर्षों का अनुभव छीन सकता है.
मैं जानता हूं कि देश के लिये अंतरराष्ट्रीय मैच जीतने के लिये क्या करना होता है. मैं अब भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिये भूखा हूं. मैं केवल गेंद ही नहीं बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं. मैं संभवत: सातवें या आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करुंगा और मैं बल्ले से भी योगदान दे सकता हूं. ”