DDCA करेगा केजरीवाल पर मानहानि का केस
नयी दिल्ली : डीडीसीए ने उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के ‘बेबुनियाद’ आरोप लगाने के लिये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद और अन्य आप कार्यकर्ताओं पर आज मानहानि का मामला दर्ज करने का फैसला किया. दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने आजाद और आप नेताओं के ताजा आरोपों को कड़े […]
नयी दिल्ली : डीडीसीए ने उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के ‘बेबुनियाद’ आरोप लगाने के लिये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद और अन्य आप कार्यकर्ताओं पर आज मानहानि का मामला दर्ज करने का फैसला किया. दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने आजाद और आप नेताओं के ताजा आरोपों को कड़े शब्दों में खंडन किया और कहा कि इस तरह के बेबुनियाद आरोपों से संघ बदनाम हुआ है.
डीडीसीए के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कार्यवाहक अध्यक्ष चेतन चौहान ने कहा कि राज्य क्रिकेट संघ के खिलाफ कई ‘झूठे’ आरोप लगाये गये हैं और उसे इस तरह की गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है.
कोषाध्यक्ष रविंदर मनचंदा ने कहा कि डीडीसीए केजरीवाल, आजाद और संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेगा जिन्होंने डीडीसीए में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाये हैं. चौहान ने कहा कि तीन एजेंसियां पहले ही डीडीसीए के खिलाफ मामलों की जांच कर रही है और आप सरकार ने जो नयी जांच समिति बिठायी है उसकी कोई जरुरत नहीं है.
इससे पहले आज वित्त मंत्री के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखते हुए आप ने आरोप लगाया कि वर्ष 2011 में बतौर डीडीसीए अध्यक्ष अरुण जेटली ने एक निजी बैंक के क्रिकेट क्लब की संलिप्तता वाले मामले की जांच को ‘‘बंद ‘ करने के लिए तत्कालीन पुलिस आयुक्त पर ‘‘दबाव’ डाला था.
आप के नेता आशुतोष ने दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त बी के गुप्ता और तत्कालीन विशेष आयुक्त रंजीत नारायण को कथित रुप से जेटली द्वारा लिखे दो पत्रों को जारी किया. यह दावा किया गया है कि इन पत्रों में जेटली ने दोनों अधिकारियों से अपील की थी कि वे मामले को ‘‘सही’ से देखें और मामले को ‘बंद’ कर दें क्योंकि ‘‘डीडीसीए ने कुछ गलत नहीं किया था.’
‘‘ताजा खुलासे’ के बाद पार्टी ने जेटली के इस्तीफे की अपनी मांग को दोहराया है. कथित रुप से गुप्ता को लिखा गया पत्र 27 अक्तूबर 2011 का और नारायण को लिखा पत्र पांच मई 2012 का है. डीडीसीए ने इन आरोपों का यह कहकर बचाव किया कि इस मामले में कुछ भी गड़बड़ नहीं थी और बैक ने अपने दावे को पुख्ता करने के लिये जो पत्र दिये थे, क्रिकेट संघ ने उन्हें भी जारी किया.
सिंडिकेट बैंक क्लब के मामले में बात करते हुए खेल सचिव सुनील देव ने कहा कि अध्यक्ष अरुण जेटली ने ये पत्र लिखकर कुछ भी गलत नहीं किया है. देव ने कहा, ‘‘उन्होंने (जेटली) कुछ भी गलत नहीं किया. उन्हें अपने संघ का बचाव करने का पूरा अधिकार था. ‘ इस मामले की विस्तार से जानकारी देते हुए देव ने कहा कि सिंडिकेट ने 2005 में अपनी टीम नहीं उतारने का फैसला किया और उसके एक कर्मचारी भोला शंकर ने तब बैंक से यह अनुमति लेने के लिये संपर्क किया कि क्या वह टीम उतार सकते हैं.
* केजरीवाल ने लगाया डीडीसीए पर गंभीर आरोप
कल अरविंद केजरीवाल ने भी डीडीसीए पर गंभीर आरोप लगाया था. केजरीवाल ने खुलासा किया था कि डीडीसीए में टीम चयन के बदले महिला को सेक्स के लिए मजबूर किया जाता है. एनडीटीवी के साथ बातचीत में केजरीवाल ने खुलासा किया कि डीडीसीए में क्रिकेटरों के सेलेक्शन को लेकर सेक्स का डिमांड किया जाता है.
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि डीडीसीए के एक अधिकारी ने एक महिला से कहा कि अगर वो चाहती है कि उसके बेटे का सेलेक्शन दिल्ली की टीम में हो जाए तो उसे रात में घर आना पड़ेगा. उन्होंने कहा, एक वरिष्ठ पत्रकार की पत्नी से डीडीसीए के एक अधिकारी ने उसके बेटे के सेलेक्शन के बदले रात में घर आने को मजबूर किया था. केजरीवाल ने बताया उस महिला को एसएमएस किया गया कि अगर वो बेटे का चयन कराना चाहती हैं तो रात को उनके घर आयें.
* केजरीवाल करा रहे हैं डीडीसीए मामले की जांच
दिल्ली सरकार ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में 1992 से 2015 के बीच हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित करने की अधिसूचना जारी की है. सरकार ने आयोग से कहा है कि वह तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपे.
* कीर्ति ने सीबीआई जांच की मांग की
भाजपा से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने पार्टी नेताओं की ओर से एसएफआईओ जांच में डीडीसीए में कोई घोटाला नहीं होने की दलील को खारिज करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई और ईडी से व्यापक जांच कराने की मांग की है. आजाद ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी लड़ाई क्रिकेट निकाय में भ्रष्टाचार के खिलाफ है और वह वित्त मंत्री अरुण जेटली को निशाना नहीं बना रहे हैं.