आर अश्विन बने आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन गेंदबाज, डेल स्टेन को पछाड़ा

दुबई : भारतीय अॅाफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन हाल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ समाप्त हुई घरेलू श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन के दम पर 2015 के आखिर में आज जारी आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक टेस्ट गेंदबाज रहे. अश्विन ने नौ टेस्ट मैचों में 62 विकेट लिये. इनमें से 31 विकेट उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2015 1:23 PM

दुबई : भारतीय अॅाफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन हाल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ समाप्त हुई घरेलू श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन के दम पर 2015 के आखिर में आज जारी आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक टेस्ट गेंदबाज रहे. अश्विन ने नौ टेस्ट मैचों में 62 विकेट लिये. इनमें से 31 विकेट उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में हासिल किये. वह बिशन सिंह बेदी के 1973 में नंबर एक रहने के बाद पहले भारतीय गेंदबाज हैं जो वर्ष के आखिर में शीर्ष पर रहे.

असल में आईसीसी हाल आफ फेम बेदी इससे पहले भारत के पहले गेंदबाज थे जो टेस्ट गेंदबाजी तालिका में शीर्ष पर रहे थे. भगवत चंद्रशेखर, कपिल देव और अनिल कुंबले अपने करियर के दौरान दूसरे स्थान पर रहे थे. यही नहीं अश्विन टेस्ट आलराउंडरों की सूची में भी नंबर एक पर रहे. यह पिछले तीन वर्षों में दूसरा अवसर है जबकि अश्विन आलराउंडरों में शीर्ष पर रहे. अश्विन ने अपने करियर में पहली बार नंबर एक स्थान हासिल किया है.

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन को पीछे छोड़ा है जो चोटिल होने के कारण इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी पारी में केवल 3 . 5 ओवर गेंदबाजी ही कर पाये थे. स्टेन डरबन टेस्ट से पहले अश्विन से चार अंक आगे थे और अब वह भारतीय आफ स्पिनर से इतने ही अंक पीछे है. इस तेज गेंदबाज ने हालांकि पहली पारी में चार विकेट लिये थे लेकिन उनके लिए 2009 के बाद लगातार छठे वर्ष साल के आखिर में नंबर एक पर काबिज रहने के लिए पर्याप्त नहीं थे. अश्विन ने साल की शुरुआत 15वें नंबर से की थी लेकिन इसके बाद वह धीरे- धीरे ऊपर चढ़ते गये.

अश्विन ने इस खबर पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा, ‘‘पिछले 12 महीने के प्रदर्शन के बाद वर्ष का अंत नंबर एक टेस्ट गेंदबाज के रुप में करना सोने पे सुहागा जैसा है. मैं एक दिन नंबर एक बनना चाहता था. वर्ष 2015 की समाप्ति इससे बेहतर तरीके से नहीं की जा सकती थी. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘बेदी ने जो कुछ किया था वह हासिल करने पर मुझे गर्व है. पूर्व भारतीय कप्तान अपनी गेंदबाजी कला में माहिर था और मुझे खुशी है कि मैं उनके नक्शेकदम पर चल रहा हूं.

मैं अपने टेस्ट कप्तान विराट कोहली, टीम प्रबंधन, टीम के मेरे साथियों और बीसीसीआई का सहयोग बनाये रखने के लिए आभार व्यक्त करता हूं. ‘ एक अन्य भारतीय रविंद्र जडेजा ने भी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया था वह साल के आखिर में छठे स्थान पर रहे. अश्विन और जडेजा ही दो भारतीय गेंदबाज हैं जो टेस्ट गेंदबाजों में शीर्ष दस में शामिल हैं. इस बीच बल्लेबाजों की सूची में अंजिक्य रहाणे 11वें स्थान पर हैं. वह शीर्ष 20 में शामिल अकेले भारतीय हैं.

पिछले तीन वर्षों में दूसरी बार अश्विन साल के अंत में नंबर एक टेस्ट आलराउंडर रहे. बांग्लादेश के शाकिब अल हसन 2015 के शुरु में नंबर एक टेस्ट आलराउंडर थे. बल्लेबाजों में आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ 2015 के आखिर में शीर्ष पर रहे. पिछले सप्ताह आईसीसी क्रिकेटर आफ द ईयर के लिए सर गारफील्ड सोबर्स ट्राफी जीतने वाले और आईसीसी के वर्ष के टेस्ट क्रिकेटर भी चुने गये स्मिथ मेलबर्न टेस्ट के शुरु में चौथे स्थान पर थे. स्मिथ हालांकि नाबाद 134 और नाबाद 70 रन बनाने के कारण न्यूजीलैंड के केन विलियमसन, इंग्लैंड के जो रुट और दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स को पीछे छोडकर शीर्ष पर काबिज हो गये.

विलियमसन, रुट, डिविलियर्स, स्मिथ और डेविड वार्नर के पास वर्ष के आखिर में नंबर एक बल्लेबाज बनने का मौका था क्योंकि वर्ष के आखिरी टेस्ट मैचों से पहले इन सभी के बीच केवल 26 अंक का अंतर था. विलियमसन जहां श्रीलंका के खिलाफ वनडे खेलने में व्यस्त थे वहीं रुट ने 24 और 73, डिविलियर्स ने 49 और 37 तथा वार्नर ने 23 और 17 रन बनाये. स्मिथ पिछले एक दशि में तीसरे आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज हैं जो वर्ष के आखिर में नंबर एक पर रहे.

उनसे पहले रिकी पोंटिंग ( 2005 और 2006 ) और माइकल क्लार्क ( 2012 ) ने यह उपलब्धि हासिल की थी. वर्ष 2005 के बाद वर्ष के आखिर में नंबर एक पर रहने वाले अन्य बल्लेबाजों में कुमार संगकारा ( 2007, 2010, 2011 ), शिवनारायण चंद्रपाल ( 2008 ), गौतम गंभीर ( 2009 ) और डिविलियर्स ( 2013 और 2014 ) शामिल हैं. एडम वोजेस, डीन एल्गर, उस्मान ख्वाजा, जोनी बेयरस्टॉ और जेम्स टेलर के लिए भी अच्छी खबर है.

ये सभी वर्ष के आखिर में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैकिंग पर पहुंचे. वोजेश ने मेलबर्न में एकमात्र पारी में 106 रन बनाये जिससे वह चार पायदान ऊपर 11वें स्थान पर पहुंचे. एल्गर ने डरबन में नाबाद 118 और 40 रन बनाये और वह 12 पायदान ऊपर 28वें स्थान पर पहुंच गये हैं. ख्वाजा ने 144 और 56 रन के स्कोर बनाने के कारण 11 पायदान की छलांग लगायी और वह 39वें स्थान पर काबिज हो गये हैं. बेयरस्टॉ को 41 और 79 रन बनाने का फायदा मिला और वह 13 पायदान ऊपर 43वें स्थान पर पहुंच गये हैं. टेलर 70 और 42 रन बनाने की बदौलत 46 पायदान की छलांग लगाकर 61वें स्थान पर पहुंच गये हैं.

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