जब विकेट टर्न लेता है, तो हाहाकार मचती है : धौनी

पर्थ : भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने टेस्ट कप्तान विराट कोहली का पूरा पक्ष लेते हुए आज कहा कि पिचों की तभी आलोचना की जाती है जब वह टर्न लेना शुरू कर देती है और जिन पिचों पर बल्लेबाज के सिर पर चोट लगती हैं उन्हें अच्छा माना जाता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2016 8:32 PM

पर्थ : भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने टेस्ट कप्तान विराट कोहली का पूरा पक्ष लेते हुए आज कहा कि पिचों की तभी आलोचना की जाती है जब वह टर्न लेना शुरू कर देती है और जिन पिचों पर बल्लेबाज के सिर पर चोट लगती हैं उन्हें अच्छा माना जाता है.

कोहली और टीम प्रबंधन को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले साल घरेलू श्रृंखला में टर्न लेती पिचों पर खेलने के लिये आलोचना का सामना करना पडा़ था और धौनी ने यह जवाब तब दिया जब उनसे इस संदर्भ में वाका की पिच को लेकर सवाल किया गया. धौनी ने कहा, ‘‘अगर आप देखें तो हाहाकार तभी मचती है जब विकेट घूम रहा होता है. किसी के सर पर मार दो उसको अच्छा विकेट माना जाता है. ‘

भारतीय कप्तान की टिप्पणी में व्यंग्य साफ छिपा था क्योंकि कुछ पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों ने भी नागपुर की पिच की आलोचना की थी जिसमें भारत ने ढाई दिन के अंदर दक्षिण अफ्रीका को हरा दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा मैं ऑस्ट्रेलिया में स्पिन लेते विकेटों की उम्मीद क्यों करुं. यदि मुझे टर्न लेती पिचों पर खेलना है तो मुझे ऐसे विकेट भारत में मिलेंगे.

ऑस्ट्रेलियाई विकेट की खासियत उनकी उछाल है और यह भी एक चुनौती है जिसे हमें स्वीकार करना चाहिए. ‘ धौनी ने कहा, ‘‘यह केवल पिचों को लेकर नहीं बल्कि उनकी (ऑस्ट्रेलिया) मजबूती है. यहां तक जब वे भारत दौरे पर आते हैं तब भी वे टेस्ट मैचों में चार तेज गेंदबाजों के साथ खेलते हैं. पूरे ऑस्ट्रेलिया में आपको ऐसी पिचें मिलेंगी जो तेज गेंदबाजों के मददगार होंगी लेकिन स्पिनरों को भी थोडी़ उछाल मिल जाती है. ‘

धौनी ने इसके साथ ही साफ किया कि पिछले साल विश्व कप सेमीफाइनल में हार के कारण उनकी टीम इस श्रृंखला में उसका बदला लेने के लिये नहीं आयी है क्योंकि उनके अनुसार ‘बदला’ और ‘नफरत’ शब्दों का क्रिकेट में अस्तित्व नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘जब खेलों विशेषकर क्रिकेट की बात आती है तो मुझे नहीं लगता कि बदला या नफरत जैसे शब्दों का उपयोग किया जाना चाहिए. एक तरफ आप कहते हो कि यह भद्रजनों का खेल है, इसलिए यह विरोधाभासी बन जाता है. ‘

धौनी ने इसके साथ ही साफ किया कि मध्यक्रम में पांचवें स्थान पर गुरकीरत सिंह मान या मनीष पांडे में किसी को उतारा जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘केवल नंबर पांच का स्थान है जिसमें मैं उन्हें उतार सकता हूं क्योंकि यदि मैं उन्हें नंबर छह पर भेजता हूं तो अच्छे दिन वे 30 से अधिक स्कोर बना सकते हैं और खराब दिन पर केवल दस स्कोर ही बनाएंगे. इस तरह से 15 मैचों के बाद उनका स्कोर 15 के आसपास रहेगा और मीडिया सवाल करना शुरु कर देगा कि इस खिलाडी़ को क्यों नहीं हटाया जा रहा है. ‘

धौनी ने कहा, ‘‘नंबर छह और सात पोजीशन पर बल्लेबाजी करना मुश्किल होता है और मुझे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में दो या तीन खिलाडियों से ज्यादा याद नहीं है जो इन स्थानों पर सफल रहे हों. उपमहाद्वीप में उन्हें बल्लेबाजी का अधिक मौका नहीं मिलता. केवल यहां शुरू में विकेट गिरने पर उन्हें बल्लेबाजी का मौका मिल सकता है. ‘

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