नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला के दूसरे मैच के लिए कल ब्रिसबेन में जब टीम इंडिया मैदान पर उतरेगी तो उसके सामने कई चुनौतियां होंगी. सबसे बड़ी चुनौती टीम इंडिया के सामने उसकी गेंदबाजी है. पर्थ वनडे में भारत को अच्छे स्कोर करने के बाद भी हार का मुंह देखना पड़ा. इसमें भारत की कमजोर गेंदबाजी आक्रमण खुलकर सामने आयी.
ब्रेसबेन में भारत पर ऑस्ट्रेलिया भारी है. इस मैदान में अगर दोनों टीमोंकेरिकार्ड पर गौर करें तो ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत पर भारी नजर आती है. ब्रिसबेन में दोनों देशों के बीच अब तक कुल 6 मैच खेले गये. 6 मैचों में ऑस्ट्रेलिया को तीन मैचों में जीत मिली है तो केवल दो मैचों में ही टीम इंडिया ने जीत दर्ज की है. एक मैच बेनतीजा रहा.
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच इस मैदान पहला वनडे मैच जनवरी 1986 में खेली गयी थी. इस मैच को ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 4 विकेट से जीत लिया था. अंतिम बार यहां फरवरी 2012 में दोनों देशों के बीच वनडे मैच खेला गया था. इस मैच को भी ऑस्ट्रेलिया की टीम ने भारी अंतर से जीत लिया था. ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 110 रन से हराया था.
टीम इंडिया की चुनौती की अगर बात करें तो सबसे बड़ी परेशानी टीम की गेंदबाजी आक्रमण है. जिस औसत से गेंदबाज रन लुटा रहे हैं उसकी तुलना में विकेट नहीं गिर रहे हैं. टीम के तेज गेंदबाज बेअसर साबित हो रहे हैं. हालांकि पहले मैच में नये तेज गेंदबाज बरिंदर सरन ने अच्छी गेंदबाजी की. सरन ने अपने पहले मैच में तीन विकेट चटकाये. सरन को अगर छोड़ दिया जाए तो टीम इंडिया के गेंदबाजों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को ध्वस्त करने की क्षमता नजर नहीं आ रही है. दूसरी ओर स्पिनरों पर भरोसा करने वाली टीम इंडिया के लिए स्पिनरों का खराब प्रदर्शन परेशानी का सबब बन गयी है.
कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने भी अपने गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन पर चिंता जताया है और कहा है कि इससे पहले स्पिनरों की इतनी खराब स्थिति उन्होंने कभी नहीं देखी थी. गेंदबाजी के बाद टीम इंडिया को अपनी फिल्डिंग पर भी ध्यान देना है.
टीम इंडिया के लिए विरोधी टीम के तूफानी बल्लेबाज स्टीवन स्मिथ और जॉर्ज बैली की जोड़ी बड़ी मुसीबत बन गयी है. दोनों खिलाडियों ने टीम इंडिया से पर्थ वनडे छीन लिया. स्मिथ और बैली दोनों ने टीम इंडिया के खिलाफ शतक बनाया था.
भारत मौजूदा श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया से शून्य के मुकाबले एक से पिछड़ रहा है. अगर दूसरे मैच में भी टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ता है तो फिर उसके लिए श्रृंखला में वापसी करना काफी मुश्किल हो जाएगा. इसलिए भारत को हरहाल में ब्रिसबेन वनडे को जीतना ही होगा.