मुंबई : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने क्रिकेट प्रशासन से राजनीतिकों को दूर रहने की आज पुरजोर वकालत की. यहां एक प्रमुख प्रबंध संस्थान में छात्रों से चर्चा के दौरान राहुल से पूछा गया था कि क्या राजनीतिकों को क्रिकेट और खेलों से दूर रहना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता है कि राजनीतिकों को क्रिकेट प्रशासन के करीब रहना चाहिए. क्रिकेट का संचालन क्रिकेटरों को करना चाहिए.
मैं नहीं सोचता कि क्रिकेट का संचालन राजनीतिकों को करना चाहिए.” कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पठानकोट आतंकी हमले से मोदी सरकार ठीक ढंग से नहीं निपटी. उन्होंने कहा, ‘‘ आतंकवाद और विदेश नीति से जुड़े सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों से सलाह नहीं की गयी. एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) इससे सीधे निपट रहे थे. उनका काम रणनीति बनाना है, न कि व्यूह कौशल तैयार करना.. यह कार्य एनएसजी का है. जब आप उन लोगों को काम करने देते हैं जो उसे करना नहीं जानते हैं, तब आप समस्या में पड जाते हैं. ”
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि आप पूरी तरह से आतंकी हमलों को नहीं रोक सकते लेकिन आप उस पर सही तरीके से प्रतिक्रिया दे सकते हैं. मुख्य बात यह है कि हम किस प्रकार से प्रतिक्रिया देते हैं. 2008 के मुंबई आतंकी हमले के समय संप्रग सरकार ने सभी वरिष्ठ लोगों से विचार विमर्श किया. हमने पाकिस्तान को पूरी तरह से अलग थलग कर दिया. अब जिस तरह से निपटा गया है, वह पूरी तरह से योजनाबद्ध नहीं था.
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ हमने कश्मीर में शांति सुनिश्चित की.” उन्होंने कहा, ‘‘ भारत के समक्ष आज सबसे बडी समस्या सत्ता का व्यापक केंद्रीयकरण है. सभी चीजें तीन-चार या पांच-छह लोगों द्वारा की जाती हैं. आप सत्ता का केंद्रीयकरण करके समस्याओं का समाधान नहीं निकाल सकते हैं.” कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि निर्यात और रुपया गिरते जा रहे हैं. ईधन की कीमतों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है. अर्थव्यवस्था का प्रबंधन पूरी तरह से विफल रहा है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री हमारे प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) का अर्थव्यवस्था को लेकर उपहास उडाया करते थे. अब मेरी इन प्रधानमंत्री को सलाह है कि काम करें. उन्होंने कहा कि हम लोकसभा में केवल 40 से अधिक सदस्य भर नहीं है बल्कि देश के 20 प्रतिशत वोट हमारे साथ हैं.