नयी दिल्ली : भारतीय वनडे टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी कुछ दिनों से अपनी कप्तानी और व्यक्तिगत प्रदर्शन को लेकर आलोचनाओं के घेरे में हैं. कई पूर्व क्रिकेटरों के अनुसार धौनी में अब पहले जैसी बात नहीं रह गयी है. रिकार्ड की अगर बात करें तो अक्टूबर 2014 के बाद टीम इंडिया ने धौनी की अगुआई में कोई भी श्रृंखला नहीं जीती है.
धौनी की अगुआई में टीम इंडिया ने 2015 में विश्वकप खेला, लेकिन उसमें भी टीम को हार का स्वाद चखना पड़ा. इस विश्वकप में टीम ने जैसा प्रदर्शन दिखाया ऐसा कहीं से नहीं लग रहा था कि यह वहीं 2011 वाली विश्व विजेता टीम है जिसने दुनिया के सारे चोटी के टीम को धूल चटाकर विश्वकप पर कब्जा जमाया था.
धौनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने सारे रिकार्ड तोड़ते हुए कई सारे बड़े खिताब जीते. 1983 के बाद भारत ने पहली बार 2011 में विश्वकप जीता. धौनी ने 2007 पहली बार भारत को टी-20 विश्व कप दिलायी. इसके बाद धौनी ने भारत को चैंपियन ट्रॉफी में भी जीत दिलायी. इसके दम पर ही धौनी अब तक के सबसे सफल कप्तानों में शामिल हो गये.
लेकिन धौनी के दिन अब लद गये हैं. मैदान पर पहले धौनी जो करते थे वही सही साबित होता, लेकिन अब धौनी का फैसला मैदान पर उलटा साबित हो रहा है.अक्टूबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद धौनी ने अपनी कप्तानी में एक भी श्रृंखला नहीं जीती है. ऑस्ट्रेलिया में भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा. उसके बाद भारत ने बांग्लादेश दौरा किया. इसमें भी भारत को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में भी कप्तान धौनी को श्रृंखला में जीत नसीब नहीं हुई और 3-2 से हार का सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी मौजूदा श्रृंखला भारत के हाथ से जा चूका है. इस श्रृंखला में भारत 3-0 से पिछड़ गया है.
हालांकि धौनी के बचाव में बीसीसीआई उतर चुकी है. बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने धौनी का बचाव करते हुए कहा, ,‘‘ महेंद्र सिंह धौनी भारत के सबसे सफल कप्तान हैं. उनकी कप्तानी में हमने 2007 और 2011 में विश्व कप जीते. उन्होंने आठ साल से लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. एक खराब श्रृंखला के लिये उन्हें कसूरवार ठहराना गलत है.’