सिडनी : ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेले गये तीसरे और आखिरी टी-20 मैच में रोमांच आखिरी गेंद तक बना रहा. क्रिकेट प्रेमियों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि मैच किसके झोली में जाएगा. लेकिन भारतीय टीम ने कंगारुओं को उसकी धरती में 7 विकेट से हराकर श्रृंखला पर 3-0 से कब्जा कर लिया.
इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रच डाला. कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने यहां ऐसा कारनामा कर दिखाया है जो आजतक किसी भी कप्तानों ने नहीं किया था. ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर आज से पहले 140 साल के इतिहास में किसी भी कप्तान ने क्लीन स्वीप नहीं किया था.
आज के मैच में जीत का श्रेय धौनी ने गेंदबाजों को दिया है. धौनी ने गेंदबाजों की जमकर प्रशंसा की. लेकिन युवराज सिंह की भूमिका को कहीं से नकारा नहीं जा सकता. मैच के आखिरी ओवर में टीम इंडिया को जीत के लिए 17 रन बनाने थे. सभी की निगाहें सुरेश रैना और युवराज सिंह पर थी. लंबे समय के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने वाले युवराज सिंह जब आज मैदान पर आये थे तो उनपर दबाव साफ झलक रहा था. युवराज सिंह आखिरी ओवर में स्ट्राइक पर उतरने से पहले 9 गेंदों पर मात्र 5 रन बनाये थे.
जब टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचने से महज कुछ रन दूर था वैसे में युवराज सिंह की निराशात्मक बल्लेबाजी से लोग उन्हें विलेन की तरह देखने लगे. आखिरी ओवर में स्ट्राइ युवराज के पास होने से तो एक समय लगा भारत क्लीन स्वीप का इरादा खो दिया है. लेकिन युवराज सिंह ने आज वो कमाल कर दिखाया जिसके लिए वो जाने जाते हैं.
पहली गेंद को युवराज ने बाउंडरी के बाहर भेज दिया. अब पांच गेंद में जीत के लिए 13 रनों की दरकार थी. पांचवीं गेंद को युवराज ने छक्के के लिए उठा दिया और टीम इंडिया को जीत की दहलीज में ला खड़ा किया. तीसरी गेंद पर युवराज सिंह ने अपना छोर बदल लिया और अब सारा दारोमदार रैना के कंधों पर था. चौथी गेंद पर रैना ने दो रन लिये. अब जीत के लिए दो गेंदों पर 4 रन की जरूरत थी. पांचवीं गेंद पर भी रैना ने दो रन लिये और आखिरी गेंद पर चौका जमाकर मैच को जीत लिया. तो इस तरह से युवराज सिंह आज लोगों के लिए विलेन बनते-बनते हीरो बन गये.