नयी दिल्ली : आस्ट्रेलिया के खिलाफ ट्वेंटी-20 श्रृंखला में क्लीन स्वीप ने भले ही चयनकर्ताओं की मुश्किल कम कर दी हों लेकिन कल यहां विश्व ट्वेंटी-20 और एशिया कप के लिए भारतीय टीम के चयन के मद्देनजर सातवें नंबर के लिए उन्हें मनीष पांडे और अजिंक्य रहाणे में से चुनने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी.
आस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन के बाद ज्यादातर खिलाड़ियों ने खुद को चयन का दावेदार बना दिया है लेकिन केवल सातवें विशेषज्ञ बल्लेबाज के लिए ही चयनकर्ता पसोपेश में होंगे. उन्हें चुनना होगा कि क्या पांडे टी-20 में रहाणे से ज्यादा बेहतर होंगे या नहीं. भारत के नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली को श्रीलंका के खिलाफ आराम दिया गया है जिससे फार्म में चल रहे मनीष पांडे को इस आगामी घरेलू श्रृंखला में मौका दिया गया.
लेकिन जब कोहली बांग्लादेश में एशिया कप के लिए टीम से जुड़ेंगे तो मार्च-अप्रैल में होने वाली बड़े टूर्नामेंट के लिए श्रीलंका श्रृंखला के लिए चुने गये 15 खिलाड़ियों में से कम से एक पर गाज गिरेगी. विश्व ट्वेंटी-20 की टीम का चयन क्योंकि कल होगा तो पांडे को नौ फरवरी से पुणे में शुरु हो रही श्रीलंका श्रृंखला उनका खेल देखे बिना टीम से बाहर करना अन्यायपूर्ण होगा. रोहित शर्मा, विराट कोहली, शिखर धवन, सुरेश रैना, युवराज सिंह, एम एस धौनी का चयन तो तय ही है, तो सभी की नजरें निश्चित रुप से रहाणे पर लगी होंगी.
आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टी20 में युवराज के अंतिम ओवर में दिखाये गये कारनामे ने टीम में उनका स्थान सुनिश्चित कर दिया। साथ ही 2011 विश्व कप के दौरान उनकी धीमी स्पिन गेंदबाजी से लिये गये 15 विकेट को भी ध्यान में रखा जायेगा. टी20 श्रृंखला के बाद जैसा कि धोनी ने कहा था कि ‘कोर टीम’ लगभग तैयार है, तो 15 खिलाडियों में मामूली सा ही बदलाव होगा. एक और खिलाडी जिन्हें ध्यान में रखा जा सकता है, वह इरफान पठान हैं जिन्होंने सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में अच्छा खेल दिखाते हुए बडौदा को फाइनल तक पहुंचाया था.
उन्हें बार बार चोटिल होने वाले आशीष नेहरा के कवर के तौर पर रखा जा सकता है. हालांकि चयनकर्ताओं ने उन्हें श्रीलंका श्रृंखला के लिये शामिल नहीं किया था इसलिये सवाल यही होगा कि उन्हें सीधा एशिया कप और विश्व टी20 टीम में ले जाया जा सकता है या नहीं क्योंकि हार्दिक पांड्या ने टीम में सीनियर खिलाडियों को प्रभावित किया है. पवन नेगी तो रविंद्र जडेजा के लिये कवर हैं हीं क्योंकि अक्सर पटेल की बल्लेबाजी पूरी तरह से संतोषजनक नहीं है.
वहीं दिल्ली के नेगी आठवें या नौंवे स्थान पर लंबे छक्के जड सकते हैं. इसी तरह से हरभजन सिंह को अश्विन के कवर के तौर पर देखा जा रहा है और तमिलनाडु का यह गेंदबाज अगर असफल रहता है तभी उन्हें मौका मिलेगा. भुवनेश्वर कुमार चोट से उबरने के बाद वापस आ गये हैं और जब भी उन्हें मौका मिलता है उनके ‘चेंज अप्स’ प्रभावशाली हो सकते हैं.