लोकपाल के अवलोकन पर कानूनी राय ले रहे हैं हरभजन सिंह
नयी दिल्ली : सीनियर आफ स्पिनर हरभजन सिंह ने आज कहा कि वह बीसीसीआई लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एपी शाह के इस अवलोकन पर कानूनी सलाह ले रहे हैं कि इस गेंदबाज को खेल पोशाक निर्माता कंपनी ‘भज्जी स्पोर्ट्स’ से खुद को अलग कर देना चाहिए जो घरेलू टीमों को किट मुहैया कराती है. शाह कार्यकर्ता […]
नयी दिल्ली : सीनियर आफ स्पिनर हरभजन सिंह ने आज कहा कि वह बीसीसीआई लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एपी शाह के इस अवलोकन पर कानूनी सलाह ले रहे हैं कि इस गेंदबाज को खेल पोशाक निर्माता कंपनी ‘भज्जी स्पोर्ट्स’ से खुद को अलग कर देना चाहिए जो घरेलू टीमों को किट मुहैया कराती है. शाह कार्यकर्ता नीरज गुंडे द्वारा उठाये गये हितों के टकराव मामले की जांच कर रहे थे.
नीरज ने लोकपाल कार्यालय में इस तरह की कई शिकायतें दर्ज करायी हैं. हरभजन ने कहा, ‘‘मुझे बोर्ड से ईमेल पर जानकारी मिली है. अभी मैं यही कह सकता हूं कि मैं अपने कानूनी सलाहकार से चर्चा कर रहा हूं. मैं सलाह के अनुरुप काम करुंगा. ”
कंपनी ‘भज्जी स्पोर्ट्स’ की मालिक अवतार कौर हैं जो इस क्रिकेटर की मां हैं. जब बीसीसीआई के सीनियर अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यदि हरभजन मालिक नहीं हैं तो फिर कोई भी कंपनी चला सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि हरभजन का नाम किसी भी तरह से कंपनी के मालिकों में शामिल नहीं है तो फिर उस पर हितों का टकराव का मामला नहीं बनता है. ”
हालांकि पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को बड़ी राहत मिली है क्योंकि शाह ने घोषणा की है कि एटलेटिको डि कोलकाता के मालिकों का पुणे आईपीएल टीम खरीदने के बाद इस पूर्व बल्लेबाज का इस फुटबाल फ्रेंचाइजी टीम का सह मालिक होना हितों के टकराव के दायरे में नहीं आता है.
शाह ने कल अपने आदेश में कहा, ‘‘लोकपाल का मानना है कि गांगुली के खिलाफ हितों का टकराव का मामला नहीं बनता है और इसलिए इस मामले का निपटारा कर दिया गया है. ” गांगुली ने अपने जवाब में बताया था कि उनका आईपीएल फ्रेंचाइजी राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है हालांकि उनके एटलेटिको डि कोलकाता में नगण्य हिस्सेदारी है.