लोढ़ा पेनल की सिफारिशों पर उच्चतम न्यायालय जायेगा एमसीए

मुंबई : बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता वाला मुंबई क्रिकेट संघ बोर्ड के ढांचे में बदलाव संबंधी जस्टिस आर एम लोढ़ा (रिटायर्ड) की सिफारिशों को लागू करने में होने वाली दिक्कतों को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेगा. एमसीए की प्रबंध समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. एमसीए के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2016 5:23 PM

मुंबई : बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता वाला मुंबई क्रिकेट संघ बोर्ड के ढांचे में बदलाव संबंधी जस्टिस आर एम लोढ़ा (रिटायर्ड) की सिफारिशों को लागू करने में होने वाली दिक्कतों को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेगा.

एमसीए की प्रबंध समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. एमसीए के संयुक्त सचिव पी वी शेट्टी और उमेश खानविलकर ने यह जानकारी दी. मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया ,‘‘ मुंबई क्रिकेट संघ की प्रबंध समिति की बैठक में यह सर्वसम्मति से तय किया गया कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में होने वाली दिक्कतों को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की जायेगी.
सदस्यों ने सर्वसम्मति से संयुक्त मानद् सचिवों और उपाध्यक्ष आशीष शेलार को कानूनी सलाह लेकर न्यायालय में याचिका दायर करने के लिये अधिकृत किया.” लोढ़ा समिति के ‘एक राज्य एक वोट’ सुझाव का असर एमसीए पर पडेगा चूंकि महाराष्ट्र में बीसीसीआई की चार मान्य ईकाइयां एमसीए, पुणे स्थित महाराष्ट्र क्रिकेट संघ, नागपुर स्थित विदर्भ क्रिकेट संघ और मुंबई स्थित क्रिकेट क्लब आफ इंडिया है. इसके अलावा लोढ़ा समिति ने 70 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को बीसीसीआई पदाधिकारी नहीं बनाने का सुझाव दिया है जबकि एमसीए अध्यक्ष पवार 74 बरस के हैं.
बीसीसीआई ने 19 फरवरी को हुई बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया था कि वह जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में होने वाली ‘कठिनाइयों और असंगतियों’ को लेकर वह उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करेगा. बीसीसीआई की आमसभा की विशेष बैठक में यह तय किया गया था कि बोर्ड की ओर से न्यायालय में हलफनामा सचिव अनुराग ठाकुर दाखिल करेंगे.
लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई में व्यापक बदलावों का सुझाव दिया है जिसमें प्रति राज्य एक वोट, अधिकारियों की आयुसीमा, राज्य और राष्ट्रीय ईकाई में एक साथ पद नहीं, प्रसारित क्रिकेट मैचों में विज्ञापनों का समय सीमित करना शामिल है.
बीसीसीआई ने बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में कहा ,‘‘ सदस्यों ने बोर्ड के मानद् सचिव को बीसीसीआई की ओर से उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करने के अधिकृत किया है. इसमें बताया जायेगा कि माननीय जस्टिस लोढ़ा समिति के सुझावों को लागू करने में क्या दिक्कतें और असंगतियां हैं.” समझा जाता है कि बीसीसीआई ने राज्य संघों से कहा है कि वे इस संबंध में अलग हलफनामा दाखिल कर सकते हैं. सौराष्ट्र क्रिकेट संघ पहले ही न्यायालय जाने का फैसला कर चुका है.

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