नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) आगामी टी20 विश्व कप के मैचों का आयोजन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मुकुल मुदगल की निगरानी में करेगा जिनके हस्तक्षेप के कारण डीडीसीए और अन्य के बीच कई विवादास्पद मुद्दे सुलझाने में मदद मिली.
उच्च न्यायालय ने हालांकि स्पष्ट कर दिया कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) डीडीसीए को टी20 मैचों के आयोजन के लिए तभी कब्जा प्रमाण पत्र देगा जब वह संबंधित अधिकारियों से सभी जरुरी स्वीकृति हासिल कर लेगा.
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विभू बाखरु की पीठ ने कहा, ‘‘हम न्यायमूर्ति मुदगल के मार्गदर्शन में उसी व्यवस्था को जारी रखेंगे. न्यायमूर्ति मुदगल के बिना कुछ भी नहीं हो सकता था और आप एक दूसरे से लड़ते रहते.” पीठ ने कहा, ‘‘इसे ध्यान में रखते हुए कि विश्व टी20 के अंतर्गत कम से कम सात मैच फिरोजशाह कोटला पर हो सकते हैं, हम न्यायमूर्ति मुदगल से आग्रह करते हैं कि वह पिछले साल 18 नवंबर और 18 दिसंबर के अदालत के आदेश की शर्तों के अनुसार मैचों का आयोजन देंगे.” अदालत ने साथ ही मुदगल को सुनिश्चित करने के लिए कहा कि डीडीसीए के संचालन में सुधार हो.
अदालत ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति मुदगल के बिना मौजूदा सुधार संभव नहीं था.” अदालत ने डीडीसीए से कहा कि वह मुदगल का सहयोग करें जिससे कि सुनिश्चित हो कि उनकी अदालत को की गई सिफारिशों पर अमल हो. पीठ ने साथ ही आठ मार्च से शुरू हो रहे आईसीसी विश्व टी20 मैचों से पहले न्यायमूर्ति मुदगल को तीन मार्च को अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा. अदालत ने यह निर्देश डीडीसीए की याचिका पर दिए जो मैच के आयोजन के लिए एसडीएमसी द्वारा स्वीकृति नहीं जाने के खिलाफ अदालत की शरण में गया है.