Loading election data...

गेल फार्म में हों, तो किसी गेंदबाज की नहीं चलती

-अनुज कुमार सिन्हा- वेस्टइंडीज के खिलाफ बुधवार को जब इंग्लैंड ने 182 रन का स्कोर खड़ा किया था, सबकी निगाहें सिर्फ गेल की ओर थी. गेल चले तो कुछ भी असंभव नहीं. गेल नहीं चले, पहले आउट हो गये तो इतने बड़े स्कोर (नौ रन से ज्यादा की गति से रन बनाना) का पीछा करना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2016 2:06 PM

-अनुज कुमार सिन्हा-

वेस्टइंडीज के खिलाफ बुधवार को जब इंग्लैंड ने 182 रन का स्कोर खड़ा किया था, सबकी निगाहें सिर्फ गेल की ओर थी. गेल चले तो कुछ भी असंभव नहीं. गेल नहीं चले, पहले आउट हो गये तो इतने बड़े स्कोर (नौ रन से ज्यादा की गति से रन बनाना) का पीछा करना वेस्ट इंडीज के लिए संभव नहीं था. इसमें कोई दो राय नहीं कि इंग्लैंड की टीम संतुलित नजर आयी और उसके कई बल्लेबाजों ने अच्छा खासा योगदान दिया. रूट (48), बटलर (30) और मार्गन ने तेज 27 रन बनाये. लगातार छक्के भी जड़ते रहे. जब इंग्लैंड की पारी खत्म हुई तो उनके खाते में 182 रन का अच्छा खासा स्कोर था.

लेकिन इंग्लैंड का सारा खेल बिगाड़ दिया क्रिस गेल ने. शुरू से ही आक्रामक दिखे थे गेल. इंग्लैंड के किसी गेंदबाज को नहीं छोड़ा. सिर्फ 47 गेंदों पर 100 रन बना डाले. कोई मौका भी नहीं दिया. गेल के बारे में यह धारणा है कि वह आरंभ में मौके देते हैं लेकिन इस मैच में जोरदार फार्म में दिखे. 182 का जो स्कोर एक समय पहाड़ लग रहा था, जब वेस्ट इंडीज मैच जीता तो 11 गेंद फेंकनी बाकी थी. यानी लगभग 18 ओवर में मैच खत्म. गेल की आक्रामक बैटिंग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 11 छक्के लगाये. (यह भी रिकॉर्ड है). चौकों से ज्यादा छक्के. यह सही है कि हर मैच में गेल नहीं चल सकते लेकिन इतना तय है कि जिस मैच में गेल चले, विपक्षी गेंदबाजों की खैर नहीं. इस समय टी-20 हो या वन डे, गेल को सबसे आक्रामक बल्लेबाज माना जाता है. कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं.

पहले, दूसरे वर्ल्ड कप (1975, 1979) के समय वेस्ट इंडीज के पास गेल जैसे ही तूफानी बल्लेबाज हुआ करते थे. गार्डन ग्रीनिज और विवियन रिचर्ड्स के जमाने की गेल याद दिलाते हैं. जिस मैच में गेल सफल रहे तो वेस्ट इंडीज को सोचने की जरूरत नहीं है, लेकिन इंडीज को गेल के बगैर भी बड़े स्कोर के लिए तैयार रहना चाहिए. हर मैच गेल का नहीं हो सकता, इसलिए गेल को अपने साथी बल्लेबाजों का साथ चाहिए, तभी यह टीम आगे की यात्रा तय करेगी. इस मैच में रसेल को छोड़ दें तो किसी ने गेल का साथ नहीं दिया. ऐसे तो गेल दुनिया के किसी भी विकेट पर बेहतर खेलने की क्षमता रखते हैं लेकिन भारत में लगातार आइपीएल खेलने का लाभ भी गेल को मिला है.

गेल भारत के लगभग हर मैदान पर खेल चुके हैं और यहां की धीमी विकेट को बेहतर समझते हैं, स्पिनरों को धुनने का अभ्यास तो भी उन्होंने आइपीएल में ही किया है. गेल को आगे भी इसका फायदा मिलने के आसार हैं. इंग्लैंड को हराने के बाद वेस्ट इंडीज का काम बहुत आसान हो गया है. उसके ग्रुप में दक्षिण अफ्रीका सबसे मजबूत टीम मानी जाती है. इंडीज अगर अफ्रीका से हार भी जाता है तो भी उसके लिए आगे के रास्ते आसान ही रहेंगे.

Next Article

Exit mobile version