नयी दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका पर शानदार जीत से अभियान पटरी पर वापस लाने वाली इंग्लैंड की टीम कल यहां जब आईसीसी विश्व टी20 के ग्रुप ए के सुपर 10 मैच में अफगानिस्तान से भिड़ेगी तो उसकी निगाहें गेंदबाजी की कमियों को दूर करने पर होंगी. टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में वेस्टइंडीज से मिली छह विकेट की हार में क्रिस गेल की धुंआधार बल्लेबाजी से आहत इंग्लैंड के लिए हालात ‘करो या मरो’ के थे, उसने जो रुट की शानदार बल्लेबाजी के दम पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बड़े स्कोर वाले मुकाबले में दो विकेट की जीत दर्ज कर अपनी उम्मीदें जीवंत रखीं. इंग्लैंड ने 230 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए रुट ने 44 गेंद में 83 रन की आक्रामक पारी के दम पर जीत दर्ज की.
अगर रुट ऐसा प्रदर्शन नहीं करते तो इंग्लैंड लगभग टूर्नामेंट से बाहर ही हो गया होता क्योंकि उसके गेंदबाजों ने लगातार दूसरे मैच में काफी रन लुटाये थे. हालांकि अफगानिस्तान के खिलाफ उनका पलड़ा भारी होगा, लेकिन इंग्लैंड के गेंदबाजों को सुधरा हुआ प्रदर्शन करना होगा. इससे पहले 2010 में खिताब जीतने वाले इंग्लैंड को आलोचनाओं से घिरे गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षक ऐसी अफगानिस्तानी टीम के खिलाफ होंगे जिनका बल्लेबाजी लाइन अप विध्वंसक तो नहीं है लेकिन उसने अपने पिछले मैच में आस्ट्रेलिया को भी चुनौती दे दी थी.
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज डेविड विले और रीस टोपले के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ प्रदर्शन को बेकार कहा जा सकता है जिनकी गेंदों पर मैदान के चारों ओर काफी रन जुटे. क्रिस जोर्डन और बेन स्टोक्स भी काफी खर्चीले रहे. मोईन अली और आदिल राशिद की स्पिन जोडी अच्छी रही, हालांकि उन्होंने भी काफी रन लुटाये और इंग्लैंड के लिए अहम होगा कि यह जोडी कितना प्रभावशाली प्रदर्शन करती है.