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जानें, आखिर क्यों धौनी हैं ”शानदार- जबरदस्त-जिंदाबाद”

भारतीय क्रिकेट टीम (वन डे) के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की प्रशंसा में अभी पूरा मीडिया जुटा है. कारण है, भारत बांग्लादेश का वह मैच जिसे भारत यकीनन हार चुका था, लेकिन महेंद्र सिंह धौनी की रणनीति ने मैच को बचा लिया और भारत अपनी प्रतिष्ठा बचाने में सफल रहा. अंतिम गेंद में रहमान को […]

भारतीय क्रिकेट टीम (वन डे) के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की प्रशंसा में अभी पूरा मीडिया जुटा है. कारण है, भारत बांग्लादेश का वह मैच जिसे भारत यकीनन हार चुका था, लेकिन महेंद्र सिंह धौनी की रणनीति ने मैच को बचा लिया और भारत अपनी प्रतिष्ठा बचाने में सफल रहा.

अंतिम गेंद में रहमान को रन आउट कर धौनी ने पासा पलटा

इसमें कोई दो राय नहीं है कि 23 मार्च को भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गये मैच में बांग्लादेश भारत पर बीस साबित हो रहा था. लेकिन धौनी, जो मैदान पर अपने दिल से लिये गये फैसलों के कारण जाने जाते हैं, उन्होंने कुछ ऐसे फैसले किये, जिससे भारत ने मैच को बचा लिया और टी20 वर्ल्डकप में खुद को बनाये रखा. धौनी ने मैच में तमिम इकबाल को स्टंप आउट कर और अंतिम गेंद पर मुस्तफिजुर रहमान को रनआउट कर मैच को भारत के पाले में ला दिया. हार्दिक पटेल जैसे युवा खिलाड़ी को अंतिम ओवर देकर भी उन्होंने इच्छाशक्ति का परिचय दिया.

महेंद्र सिंह धौनी में है जूझने का जज्बा

धौनी टीम इंडिया के एक ऐसे कप्तान हैं, जो अपने विरोधियों के सामने सरेंडर नहीं करते, बल्कि उनमें जूझने का जज्बा है. अपने इसी जज्बे के कारण वे टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान बने हैं. उन्होंने अबतक अपनी कप्तानी में 191 एकदिवसीय मैच खेले हैं, जिनमें से 104 जीते, 72 हारे और चार मैच टाई रहा. वहीं टी-20 में 62 खेले 36 जीते, 24 हारे और एक टाई रहा.

भारत के एकलौते कप्तान जिन्होंने दिलायी सर्वाधिक जीत

महेंद्र सिंह धौनी भारतीय क्रिकेट टीम के एक मात्र ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने भारत को 100 से अधिक मैचों में जीत दिलायी है. ऐसा करने वाले वे भारत के पहले और विश्व के तीसरे कप्तान हैं. उनके अलावा यह रिकार्ड सिर्फ दो आस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग और एलेन बॉर्डर के नाम दर्ज है. धौनी ने सिर्फ फटाफट क्रिकेट में ही नहीं बल्कि टेस्ट मैचों में भी भारत को सर्वाधिक जीत दिलायी है. उन्होंने 24 टेस्ट में अपने देश को जीत दिलायी, उनसे पहले यह रिकॉर्ड सौरव गांगुली के नाम दर्ज था.

आलोचनाओं से कभी घबराते नहीं

धौनी को कैप्टन कूल कहा जाता है, उनकी विशेषता यह है कि वे कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अपना आपा नहीं खोते. वे जानते हैं कि कब कौन सा निर्णय करना है. टेस्ट क्रिकेट से उनका संन्यास इस बात का द्योतक है. जब लगातार मैच हारने के बाद उनकी कप्तानी छीनने और संन्यास की बातें मीडिया में छाई हुई थी, धौनी ने कोई टिप्पणी नहीं की ना ही अपना आपा खोया. यही कारण है कि वे विवाद में नहीं आते. वे जानते हैं कि मैदान पर देशहित में क्या फैसला सही होगा.

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