युवराज के पिता के फिर बिगड़े बोल, धौनी को दी गालियां
नयी दिल्ली : टीम इंडिया के बायें हाथ के बल्लेबाज युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह एक फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार उन्होंने एक बार फिर कप्तान महेंद्र सिंह धौनी पर हमला बोला है. योगराज सिंह ने अपने बेटे युवराज सिंह के साथ टीम में […]
नयी दिल्ली : टीम इंडिया के बायें हाथ के बल्लेबाज युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह एक फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं. मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार उन्होंने एक बार फिर कप्तान महेंद्र सिंह धौनी पर हमला बोला है.
योगराज सिंह ने अपने बेटे युवराज सिंह के साथ टीम में नाइंसाफी होने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसके पीछे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का हाथ बताया. एक अंग्रेजी अखबार में दिये गये साक्षात्कार में योगराज सिंह ने कहा, मेरे बेटे युवराज के साथ नाइंसाफी हो रही है. दो साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर रहने के बाद जिस तरह से मेरे बेटे ने कमबैक किया है यह किसी और से संभव नहीं होता.
कप्तान को उससे उम्मीद रखनी चाहिए कि वो परफॉर्म करे, लेकिन धौनी उसे नंबर सात पर बल्लेबाजी के लिए उतार रहा है. गाली देते हुए योगराज सिंह ने कहा, आखिर कप्तान क्या साबित करना चाहता है. बल्लेबाजी क्रम में फेरबदल होने से खिलाड़ी के मन में शंका होने लगता है. खिलाड़ी में संदेह पैदा होता है कि उसकी टीम में जरूरत है कि नहीं. मैंने अपने बेटे से कहा, चिंता की कोई बात नहीं तुम्हारा समय आयेगा.
योगराज सिंह धौनी पर भड़कते हुए कहा, महेंद्र सिंह धौनी में अगर कुब्बत है तो दो साथ टीम से बाहर रहकर फिर से वापसी करके दिखायें. उन्होंने कहा, टर्निंग विकेट होने के बाद भी कप्तान ने युवराज को एक भी गेंद फेंकने के लिए नहीं बुलाया. जबकी आप 2011 के विश्वकप को याद करेंगे तो देखेंगे कि युवराज सिंह ने गेंदबाजी करते हुए शानदार 15 विकेट हासिल किये थे.
उन्होंने युवराज सिंह से कहा, अगर कप्तान उन्हें पसंद नहीं करता है तो फिर चयनकर्ताओं को बताना चाहिए और कप्तान की शिकायत करनी चाहिए. उन्होंने कहा, कप्तान धौनी टीम को तोड़ना चाहता है. ज्ञात हो योगराज सिंह इससे पहले भी धौनी ने हमला किया था. आईसीसी विश्वकप में जब युवराज सिंह को टीम में जगह नहीं मिली थी तो उन्होंने धौनी को काफी भला-बुरा कहा था.
योगराज ने उस समय कहा था कि अगर मैं मीडिया में होता तो उसे थप्पड़ मारता. उन्होंने उस समय धौनी को घमंडी कहा था और कहा था कि जिस तरह से रामायण में रावण का घमंड टूटा था उसी तरह से धौनी का भी घमंड चुर-चुर हो जाएगा. योगराज ने धौनी को लेकर आपत्तिजनक शब्दों को भी प्रयोग किया था. उन्होंने कहा था कि एक समय आयेगा जब धौनी भीख मांगेगा और उसे किसी से भी मदद नहीं मिलेगी.