टी20 विश्वकप के दूसरे सेमीफाइनल में भारत को कल वेस्टइंडीज ने सात विकेट से हरा दिया. इस हार के साथ ही भारत का टी20 विश्वकप जीतने का सपना एक बार फिर टूट गया. भारत ने पिछले कुछ टी20 मैचों में शानदार खेल दिखाया था, जिसके बाद से यह उम्मीद की जा रही थी वह टी20 विश्वकप का ताज अपने सिर सजा सकता है, लेकिन वेस्टइंडीज ने भारत के उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
हालांकि भारत ने अच्छी बल्लेबाजी की थी और जीत के लिए एक अच्छा स्कोर भी बनाया था, लेकिन वेस्टइंडीज ने उसे सहजता से प्राप्त कर लिया. भारत द्वारा दिये गये 193 रन के लक्ष्य को वेस्टइंडीज ने ऐसा पूरा किया, जैसे वो जीतने के लिए ही मैदान पर उतरे थे. टीम इंडिया के हार के प्रमुख कारण:-
टॉस हारना
वानखेड़े स्टेडियम में ओस गेंदबाजों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है, यही कारण था कि वेस्टइंडियन बल्लेबाज सहजता से रन बनाते गये और भारतीय गेंदबाजी आक्रमण कुछ नहीं कर पाया. अगर धौनी टॉस जीत जाते तो वे भी पहले गेंदबाजी करना ही पसंद करते, तब शायद मैच का परिणाम कुछ और हो सकता था.
दो नो बॉल
वेस्टइंडीज टीम के स्टार बल्लेबाज को भारतीय गेंदबाजों ने दो बार आउट किया, लेकिन दोनों ही बार बॉल नो बॉल थी और यही मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हो गया.
सिमंस और चार्ल्स ने की शानदार बल्लेबाजी
कल वेस्टइंडीज के स्टार बल्लेबाज क्रिस गेल तो आउट हो गये, लेकिन सिमंस और चार्ल्स को रोकने में टीम इंडिया के गेंदबाज नाकाम रहे. इन दोनों खिलाड़ियों ने विस्फोटक बल्लेबाजी की और मैच भारत के हाथ से फिसल गया.
भारतीय बल्लेबाजों की धीमी शुरुआत
मैच की शुरुआत में भारतीय बल्लेबाज धीमा खेल रहे थे, जिसके कारण भारत कम से कम 20 रन पीछे हो गया. संभवत: यह 20 रन भारत की हार का कारण बने.
युवराज सिंह का टीम में होना
आस्ट्रेलिया के साथ खेले गये मैच में युवराज सिंह चोटिल हो गये थे और टीम से बाहर हो गये. अगर वे कल का मैच खेलते तो शायद उनकी बॉलिंग से भारत को कुछ मदद मिल जाती. लेकिन वे टीम में नहीं थे.
नहीं चला फिरकी का जादू
कल भारतीय फिरकी के जादूगर अश्विन कोई कमाल नहीं दिखा सके. उनका प्रदर्शन ऐसा भी नहीं रहा कि वे अपने स्पेल को पूरा कर पाते. उन्होंने मात्र दो ओवर ही फेंके. रवींद्र जडेजा भी कल कुछ नहीं कर पाये और काफी महंगे साबित हुए.