नयी दिल्ली : टी20 विश्व कप में भारतीय क्रिकेट के ‘पोस्टर ब्वाय’ विराट कोहली ने खुद को महान खिलाडियों की जमात में शामिल करते हुए नयी उंचाइयों को छुआ जबकि शीर्ष गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन के कारण मेजबान टीम सेमीफाइनल से बाहर हो गई. खिताब से कम पर संतोष नहीं करने वाले भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को सेमीफाइनल में टीम की हार नागवार गुजरी होगी.
महेंद्र सिंह धौनी की अगुवाई वाली टीम से उम्मीद थी कि अपनी सरजमीं पर वह दूसरी बार ताबड़तोड़ क्रिकेट में बादशाहत साबित करेगी. कोहली ने अकेले दम पर जहां भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाया, वहीं आर अश्विन और रविंद्र जडेजा की गेंदबाजी औसत रही. दोनों ने पांच मैचों में कुल आठ विकेट ही लिये. टर्निंग विकेटों पर वे गेंद को टर्न नहीं करा सके और बल्लेबाजों की ऐशगाह वानखेडे की पिच पर तो उनकी जमकर धुनाई हुई.
सकारात्मक पहलुओं की बात करें तो कोहली ने खुद को सचिन तेंदुलकर का वारिस साबित कर दिया जो करोड़ों भारतवासियों की उम्मीदों का बोझ कंधे पर लेकर खेलते रहे हैं. कोहली ने पांच मैचों में 273 रन बनाये लेकिन रनों के आंकडों से ज्यादा उनकी बल्लेबाजी का कौशल देखकर लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा ली. टर्निंग पिच पर पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 55 रन बनाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसने नाबाद 82 रन बनाये. सेमीफाइनल में भी उसने नाबाद 89 रन बनाकर टीम को बड़ा स्कोर दिया लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया.
कोहली के 29 चौके बेहतरीन शाट्स थे चाहे वह कवर ड्राइव हो या स्क्वेयर कट. कोहली को हटा दिया जाये तो टी20 विश्व कप में भारत का कोई दूसरा नायक नहीं दिखता. विकेटों के बीच धौनी की दौड़ शानदार रही और उतना ही यादगार रहा बांग्लादेश के खिलाफ मुस्तफिजुर रहमान को दौडकर आउट करना. कोहली के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाले भारतीय धौनी रहे जिन्होंने पांच मैचों में 89 रन बनाये. रोहित शर्मा, शिखर धवन, सुरेश रैना अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके. रोहित ने हालांकि सेमीफाइनल में बेहतर प्रदर्शन किया.
अंतिम चार में रहना भले ही प्रभावी दिखे लेकिन कई मौकों पर ऐसा लगा कि धौनी अपने गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव कर सकते थे. जामथा हो या ईडन गार्डन , हरभजन सिंह के रुप में तीसरे स्पिनर को उतारा जा सकता था.
इस साल हरभजन ने एकमात्र टी20 मैच संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ खेला है जो टेस्ट मैचों में भारत के लिये सर्वाधिक विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज के साथ नाइंसाफी है. गेंदबाजी में भारत के लिये आशीष नेहरा ने अच्छा प्रदर्शन किया. युवा जसप्रीत बुमरा ने बांग्लादेश के खिलाफ बेहतरीन 19वां ओवर फेंका जबकि हार्दिक पंड्या ने दिखाया कि अभी सुधार की गुंजाइश है.