आईसीसी के सीईओ ने विश्व टी20 में अधिक टीमों का समर्थन किया

नयी दिल्ली : आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन आईसीसी विश्व टी20 के मौजूदा प्रारुप से संतुष्ट हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वह भविष्य की प्रतियोगिताओं में पहले और दूसरे दौर के मुकाबलों में दो और टीमों को शामिल करते हुए देखना चाहते हैं. रिचर्डसन ने पुरुष और महिला टीमों के विश्व टी20 फाइनल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2016 3:30 PM

नयी दिल्ली : आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन आईसीसी विश्व टी20 के मौजूदा प्रारुप से संतुष्ट हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वह भविष्य की प्रतियोगिताओं में पहले और दूसरे दौर के मुकाबलों में दो और टीमों को शामिल करते हुए देखना चाहते हैं.

रिचर्डसन ने पुरुष और महिला टीमों के विश्व टी20 फाइनल मुकाबलों से पूर्व क्रिकेट रेडियो से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रारुप काम कर रहा है. हमने पहले दौर के मैचों का उचित प्रचार किया या नहीं, यह सवाल है जिसका बाद में हमें जवाब देने और समीक्षा करने की जरुरत है.” उन्होंने कहा, ‘‘प्रारुप ने अच्छा काम किया, पहला और दूसरा दौर, इसे इस तरह बनाया गया था कि टीमों के बीच बराबरी का मुकाबला हो और इसे देखते हुए प्रारुप में शानदार काम किया.”
दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘‘क्या हम एक या दो टीमों को जोड़कर टूर्नामेंट का आकार बढ़ा सकते हैं या नहीं, या पहले दौर में प्रत्येक ग्रुप में एक टीम, मुझे लगता है कि अगर हमने ऐसा किया तो पहले तो हम अन्य टीमों को अधिक मौके देंगे और दूसरा अगर आपने दो मैच गंवा भी दिए तो भी आपके पास पांच टीमों के ग्रुप में आगे बढने का मौका होगा जबकि चार टीमों के ग्रुप में आप बाहर हो जाएंगे.”
रिचर्डसन ने कहा, ‘‘यह उपयोगी हो सकता है और इसके बाद सुपर 10 की जगह सुपर 12 हो सकता है जिससे एक बार फिर मैचों की संख्या बढ़ेगी लेकिन मुझे लगता है कि यह एसोसिएट टीमों को टूर्नामेंट के दूसरे राउंड में हिस्सा लेने का अधिक मौका देगा.” आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि विश्व टी20 के दो टूर्नामेंटों के बीच चार साल के अंतर और 10 टीमों के 2019 विश्व कप की योजना आईसीसी प्रतियोगिताओं के सभी प्रारुपों की ‘वित्तीय सेहत’ को ध्यान में रखकर बनाई गई है जिससे कि सभी सदस्यों को वित्तीय रुप से फायदा हो.
रिचर्डसन ने कहा, ‘‘खतरा यह है कि अगर हम टी20 पर जोर देते रहे और प्रत्येक दो साल में टी20 प्रतियोगिता खेलते रहे तो इससे अन्य दो प्रारुप को नुकसान पहुंचेगा.” उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हम तीनों प्रारुपों के बीच में अधिक संतुलन बनाएं. इसलिए चार साल में एक पुरुष विश्व टी20 के आयोजन का फैसला किया गया.”
रिचर्डसन ने कहा, ‘‘10 टीमों के (2019 विश्व कप) टूर्नामेंट का फैसला कई कारणों से किया गया. पहला तो यह संभवत: ऐसा प्रारुप में जो अधिक प्रतिस्पर्धी है और दूसरा अधिक महत्वपूर्ण है.” क्रिकेट को 2024 ओलंपिक खेलों में शामिल करने पर रिचर्डसन ने कहा कि इसके लिए आईसीसी सदस्यों के सामूहिक प्रयास विशेषकर बीसीसीआई के प्रयास की जरुरत पड़ेगी.
रिचर्डसन ने कहा, ‘‘(आईओसी की) बीच क्रिकेट या सिक्स ए साइड क्रिकेट में रुचि नहीं है. वे चाहते हैं कि ओलंपिक में टी20 प्रारुप का इस्तेमाल हो. मुझे लगता है कि आईसीसी को क्रिकेट पसंद है लेकिन वे हमें तभी जगह देंगे जब भारत सहित सभी सदस्य पूरी तरह से प्रतिबद्ध हों. इस मुद्दे पर अप्रैल में बैठक में दोबारा चर्चा होगी.”

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