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IPL : डेयरडेविल्स को 7 विकेट से हराकर पुणे ने जीवित रखी अपनी उम्मीदें

नयी दिल्ली : रजत भाटिया की कसी हुई गेंदबाजी के बाद सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे की सधी हुई पारी और अन्य बल्लेबाजों के उपयोगी योगदान से राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स ने आज यहां दिल्ली डेयरडेविल्स को उसके घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला पर आखिरी मैच में सात विकेट से हरा कर आईपीएल नौ में अपनी उम्मीदें जीवंत […]

नयी दिल्ली : रजत भाटिया की कसी हुई गेंदबाजी के बाद सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे की सधी हुई पारी और अन्य बल्लेबाजों के उपयोगी योगदान से राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स ने आज यहां दिल्ली डेयरडेविल्स को उसके घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला पर आखिरी मैच में सात विकेट से हरा कर आईपीएल नौ में अपनी उम्मीदें जीवंत रखी. टॉस गंवाने के बाद बल्लेबाजी के लिये उतरे डेयरडेविल्स के बल्लेबाजों ने क्रीज पर पांव जमाने के बाद अपने विकेट गंवाये.

कप्तान जेपी डुमिनी (32 गेंदों पर 34), करुण नायर (23 गेंदों पर 32), सैम बिलिंग्स (15 गेंदों पर 24), कार्लोस ब्रेथवेट (आठ गेंद पर 20) और संजू सैमसन (17 गेंदों पर 20 रन) सभी के पास दमदार पारी खेलने का मौका था लेकिन उन्होंने जल्दबाजी में अपने विकेट गंवाये, जिससे डेयरडेविल्स सात विकेट पर 162 रन तक ही पहुंच पाया.

सुपरजाइंट्स के गेंदबाजों की भी तारीफ करनी होगी, जिन्होंने बल्लेबाजों को हावी नहीं होने दिया. रजत भाटिया उसके सबसे सफल गेंदबाज रहे. उन्होंने 22 रन देकर चार विकेट लिये. इसके बाद रहाणे (48 गेंदों पर नाबाद 63) और आईपीएल में अपना पहला मैच खेल रहे उस्मान ख्वाजा (27 गेंदों पर 30) ने पहले विकेट के लिये 50 गेंदों पर 59 रन जोड़कर सुपरजाइंट्स को ठोस लेकिन धीमी शुरुआत दिलायी.

उन्होंने इसके बाद सौरभ तिवारी (21) के साथ 45 और महेंद्र सिंह धौनी (20 गेंदों पर दो छक्कों की मदद से 27 रन) के साथ 42 रन की उपयोगी साझेदारियां की. तिसारा परेरा ने आखिर में पांच गेंदों पर नाबाद 14 रन बनाकर सुपरजाइंट्स का स्कोर तीन विकेट पर 166 रन पर पहुंचाया.

पुणे के लिये यह करो या मरो वाला मैच था. उसकी यह नौवें मैच में तीसरी जीत है जिससे उसके छह अंक हो गये. दिल्ली को आठवें मैच में तीसरी और कोटला में दूसरी हार झेलनी पड़ी. उसके अब आठ मैचों में दस अंक है और वह पहले की तरह तीसरे स्थान पर बना हुआ है.

सुपरजाइंट्स की सलामी जोड़ी के रुप दो एक जैसे मिजाज वाले बल्लेबाज क्रीज पर उतरे. ख्वाजा और रहाणे को लंबे शाट खेलने के लिये नहीं जाना जाता है और इसलिए शुरु से इन दोनों ने खाली स्थानों से गेंद निकालने पर ध्यान दिया. ख्वाजा ने इस बीच आफ स्पिनर जयंत यादव पर छक्का भी जमाया लेकिन इसके अलावा अधिकतर समय वह स्पिनरों के सामने जूझते रहे.
अमित मिश्रा ने आखिर में उन्हें अपनी गुगली पर गच्चा दिया और सैमसन ने स्टंप आउट करने में गलती नहीं की. मिश्रा ने गुगली पर अधिक भरोसा दिखाया. सौरभ तिवारी ने उनकी ऐसी ही एक गेंद को दर्शकों के बीच पहुंचाया लेकिन डेयरडेविल्स की तरह सुपरजाइंट्स के बल्लेबाज भी कुछ अवसरों पर ही दर्शकों में जोश भर पाये. उदघोषक की कोशिश भी उनको उत्साहित करने में नाकाम रही.
सुपरजाइंट्स के लिये हालांकि स्कोर बोर्ड का चलायमान रहना महत्वपूर्ण था और उसके बल्लेबाज इसमें सही राह पर आगे चल रहे थे. दर्शकों में जोश तिवारी (21 के आउट होने से भरा क्योंकि इसके बाद उनके चहेते धौनी ने क्रीज पर कदम रखा. उनका गेंदबाज पवन नेगी के सिर के उपर से लगाया गया छक्का सही मायनों में गगनचुंबी था, जो अंबडेकर स्टेडियम छोर के तीसरी मंजिल से टकराया.
इस बीच रहाणे ने 38 गेंदों पर अपने करियर का 29वां और इस सत्र का पांचवां शतक पूरा किया. इमरान ताहिर ने अपने पहले तीन ओवर में केवल 12 रन दिये जबकि मिश्रा का आखिरी ओवर किफायती रहा जिससे गेंद और रनों के बीच अंतर बढ़ गया. पुणे को आखिरी तीन ओवर में 37 रन की जरुरत थी.
डुमिनी ने ऐसे में ताहिर की जगह मोहम्मद शमी को गेंद थमायी जिन्होंने 18वें ओवर में 20 रन लुटा दिये. उन्होंने पांच वाइड की जबकि धौनी ने इसके बाद चौका और छक्का लगाया. ताहिर छोर बदलकर आये लेकिन उन्होंने धौनी को मिडविकेट पर कैच करवा दिया लेकिन तारीफ करनी होगी बिलिंग्स की जिन्होंने छक्के को कैच में बदला. परेरा ने हालांकि इसका असर नहीं पड़ने दिया उन्होंने ताहिर पर दो लंबे छक्के लगाकर पुणे की जीत सुनिश्चित कर दी.
इससे पहले डेयरडेविल्स की टीम कप्तान जहीर खान और बेहतरीन फार्म में चल रहे क्विंटन डिकाक और क्रिस मौरिस को विश्राम देकर डुमिनी की अगुवाई में युवा खिलाडियों के साथ मैदान पर उतरी लेकिन उसके बल्लेबाजों में अनुभव की कमी साफ दिखी. उन्होंने सैमसन और रिषभ पंत के रुप में इस सत्र में पांचवी सलामी जोड़ी को आजमाया.
गुजरात लायन्स के खिलाफ पिछले मैच में धमाकेदार अर्धशतक जडने वाले युवा पंत (आठ गेंद पर दो रन) हालांकि रंग में नहीं दिखे. अशोक डिंडा की सीधी गेंद को लाइन में आये बिना ड्राइव करने के प्रयास में वह बोल्ड हो गये. सैमसन भी पावरप्ले के दौरान ही पवेलियन लौट गये. स्काट बोलैंड की गेंद पर उन्होंने रविचंद्रन अश्विन को कैच का अभ्यास कराया, जिससे छह ओवर के बाद डेयरडेविल्स का स्कोर दो विकेट पर 48 रन हो गया. इसके बाद गेंद सीमा रेखा तक पहुंचने के लिये तरस गयी.
अगले छह ओवरों में 35 रन बने, कोई बाउंड्री नहीं लगी और नायर पवेलियन लौटे जिनका परेरा ने सीमा रेखा के करीब अच्छा कैच लपका. आखिर में बिलिंग्स ने आर अश्विन पर लांग ऑन और लांग ऑफ पर लगातार दो छक्के लगाकर कोटला में चुप्पी तोड़ी लेकिन वह भी अपनी पारी लंबी नहीं खींच पाये. भाटिया की गेंद पर स्विच हिट से उन्होंने रहाणे को आसान कैच थमाया.
ब्रेथवेट से आते ही छक्के की मांग होने लगी और इस कैरेबियाई आलराउंडर ने मुरुगन अश्विन पर दो और बोलैंड पर एक छक्का जडकर दर्शकों को निराश नहीं किया. चौथा छक्का लगाने के प्रयास में वह सीमा रेखा पर लपके गये. डुमिनी ने 28वीं गेंद पर अपना पहला चौका लगाया लेकिन इसके तुरंत बाद वह भी रन आउट हो गये जिससे डेयरडेविल्स की डेथ ओवरों में रन बटोरने की उम्मीदों को करारा झटका लगा. आखिर चार ओवर में 32 रन बने. पवन नेगी ने 12 गेंदों पर 19 रन बनाये जिससे डेयरडेविल्स 150 रन के पार पहुंच पाया.

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