हार के बावजूद जेपी डुमिनी ने किया टीम का बचाव
नयी दिल्ली : ‘अनफिट’ कप्तान जहीर खान सहित चोटी के खिलाडियों को विश्राम देने की रणनीति का खामियाजा दिल्ली डेयरडेविल्स को आईपीएल में कल यहां राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के खिलाफ हार से चुकाना पडा लेकिन कार्यवाहक कप्तान जेपी डुमिनी ने टीम प्रबंधन के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए यह […]
नयी दिल्ली : ‘अनफिट’ कप्तान जहीर खान सहित चोटी के खिलाडियों को विश्राम देने की रणनीति का खामियाजा दिल्ली डेयरडेविल्स को आईपीएल में कल यहां राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के खिलाफ हार से चुकाना पडा लेकिन कार्यवाहक कप्तान जेपी डुमिनी ने टीम प्रबंधन के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए यह सर्वश्रेष्ठ संयोजन था.
डेयरडेविल्स ने जहीर के अलावा फार्म में चल रहे विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकाक, आलराउंडर क्रिस मौरिस और स्पिनर शाहबाज नदीम को भी अंतिम एकादश में नहीं रखा लेकिन कोच पैडी उपटन और टीम मेंटर राहुल द्रविड की यह रणनीति नहीं चल पायी और उनकी टीम को सात विकेट से हार का सामना करना पडा. डुमिनी ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कुछ खिलाडी संयोजन की वजह से नहीं खेल पाये.
हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि हमारा संयोजन सही रहे और चयन समूह के तौर पर हमें लगा कि परिस्थितियों और प्रतिद्वंद्वी टीम को देखते हुए यह सर्वश्रेष्ठ एकादश है. ” उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से चीजें हमारे अनुकूल नहीं रही. हमने पहले छह ओवर में कुछ मौके गंवाये. हमने रन आउट के कुछ मौके छोड़े जिससे मैच का रुख बदल सकता था. लेकिन हमने अच्छा खेल दिखाया और मैच को आखिर ओवर तक ले गये. ”
उन्होंने कहा, ‘‘हमने जिस तरह की शुरुआत की थी उसे और विकेट को देखते हुए हमने 20 रन कम बनाये. हमने 13 ओवर के बाद 107 रन बनाये थे और इसलिए हमें 180 रन तक पहुंचना चाहिए था. लेकिन दुर्भाग्य से हमने पारी के अंत में कुछ विकेट गंवाये जिससे हमारी रन गति पर असर पड़ा. ” पुणे को आखिरी तीन ओवरों में 37 रन की जरुरत थी. इमरान ताहिर ने अपने पहले तीन ओवर में केवल 12 रन दिये थे लेकिन डुमिनी ने 18वां ओवर इस लेग स्पिनर को सौंपने के बजाय मोहम्मद शमी को गेंद थमा दी जिन्होंने 20 रन लुटाये.
डुमिनी ने अपने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा, ‘‘तब तीन ओवर बचे हुए थे और उसमें भी दो ओवर शमी के बचे थे. ताहिर का भी एक ओवर बचा था. मुझे लगता है कि तब शमी को गेंद सौंपना ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प था. ”