दुबई : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने श्रीलंका के बल्लेबाज कुसाल परेरा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई वापिस ले ली है और प्रतिबंधित दवाओं के कथित इस्तेमाल को लेकर उन पर लगाया गया अस्थायी निलंबन भी वापिस ले लिया गया है. परेरा अब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तुरंत प्रभाव से वापसी कर सकते हैं.
आईसीसी ने यह फैसला कतर में वाडा की मान्यता प्राप्त लैब द्वारा मूल विपरीत विश्लेषणात्मक जांच का नतीजा वापिस लिये जाने के बाद लिया. आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा ,‘‘ हम साफ करना चाहते हैं कि इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि परेरा ने प्रतिबंधित दवाओं का सेवन किया. हम उसे भविष्य के लिये शुभकामना देते हैं.”
नवंबर 2015 में कतर में वाडा की मान्यता प्राप्त लैब ने आईसीसी को सूचित किया था कि प्रतिस्पर्धा के बाहर परेरा के मूत्र के नमूनों की जांच में उन्हें 19 नोरांड्रोस्टेनेडियोन के सेवन का दोषी पाया गया जो वाडा की प्रतिबंधित सूची में शामिल स्टेरायड है. इसके बाद सात दिसंबर 2015 को आईसीसी को परेरा को डोपिंग निरोधक नियमों के उल्लंघन के आरोप में अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था.
आईसीसी ने कतर की लैब से और जानकारी मांगी और परेरा की कानूनी टीम को आगे जांच तथा विश्लेषण के लिये मोहलत देती रही. कतर की लैब ने बी नमूने की जांच की जो परेरा ने जनवरी 2016 में दिया था. उसके बाद उसने नमूनों में इसी स्टेरायड के अंश पाये जाने की पुष्टि की. हाल ही के पत्र में परेरा के वकीलों ने नमूने में पाये गए स्टेरायड के संभावित सूत्र की जानकारी दी.
पहली बार उसने यह भी कहा कि कतर की लैब ने नमूनों में पाये गए अशुद्ध तत्वों को गलत पहचान लिया होगा क्योंकि नोरांड्रोस्टेनेडियोन की काफी हलकी मात्रा नमूनों में थी. आईसीसी ने स्वतंत्र विशेषज्ञ से कतर की लैब के जांच की समीक्षा कराई. विशेषज्ञ ने कहा कि लैब का नतीजा सही है लेकिन यह भी कहा कि कई वैज्ञानिक और तकनीकी कारणों से इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि खिलाड़ी के शरीर में नोरांड्रोस्टेनेडियोन स्वाभाविक रुप से पैदा हुआ. कतर की लैब ने इसके आधार पर विपरीत विश्लेषणात्मक जांच वापिस ले ली. इसके मद्देनजर आईसीसी ने भी निलंबन वापिस लेने का फैसला किया.