IPL : किंग्स इलेवन पंजाब की मुंबई इंडियन्स पर बड़ी जीत
विशाखापट्टनम : मध्यम गति के गेंदबाज मार्कस स्टोनिस के करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तथा कप्तान मुरली विजय और रिद्विमान साहा की रणनीतिक बल्लेबाजी से किंग्स इलेवन पंजाब ने आज यहां आईपीएल नौ के एकतरफा मुकाबले में मुंबई इंडियन्स को तीन ओवर शेष रहते हुए सात विकेट से करारी शिकस्त देकर उसकी प्लेआफ में पहुंचने की […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
May 13, 2016 10:56 AM
विशाखापट्टनम : मध्यम गति के गेंदबाज मार्कस स्टोनिस के करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तथा कप्तान मुरली विजय और रिद्विमान साहा की रणनीतिक बल्लेबाजी से किंग्स इलेवन पंजाब ने आज यहां आईपीएल नौ के एकतरफा मुकाबले में मुंबई इंडियन्स को तीन ओवर शेष रहते हुए सात विकेट से करारी शिकस्त देकर उसकी प्लेआफ में पहुंचने की उम्मीदों को करारा झटका दिया.
स्टोनिस ने चार ओवर में 15 रन देकर चार विकेट लिये जबकि संदीप शर्मा ने 11 और मोहित शर्मा ने 26 रन देकर दो-दो विकेट लेकर उनका अच्छा साथ दिया. मुंबई की टीम टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट पर 124 रन ही बना पायी. बाद में विजय (52 गेंदों पर 54 रन) और साहा (40 गेंदों पर 56) ने दूसरे विकेट के लिये 116 रन जोड़े जिससे किंग्स इलेवन ने 17 ओवर में तीन विकेट पर 127 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की.
मुंबई टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 14वें ओवर की समाप्ति पर पांच विकेट पर 63 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था. उसने आखिरी छह ओवरों में 61 रन बनाये जिससे उसकी टीम नौ विकेट पर 124 रन तक पहुंच पायी. उसकी तरफ से कीरोन पोलार्ड ने 27, नितीश राणा ने 25, कृणाल पंड्या ने 19 और हरभजन सिंह ने नाबाद 14 रन का योगदान दिया.
मुंबई की पारी में आठ छक्के लगे लेकिन चौके केवल पांच ही लग पाये. विजय ने अपनी पारी में पांच चौके और एक छक्का लगाया जबकि साहा की पारी में छह चौके और एक छक्का शामिल है. इन दोनों की शानदार पारियों से किंग्स इलेवन ने 11वें मैच में चौथी जीत दर्ज की जिससे वह आठ अंक लेकर अंतिम स्थान से उपर सातवें स्थान पर पहुंच गया है. मुंबई की यह 12वें मैच में छठी हार है और उसके अब 12 अंक हैं. उसके लिये अगले दोनों मैच करो या मरो जैसे बन गये हैं.
मुंबई की तरह किंग्स इलेवन की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही. उसने हाशिम अमला (शून्य) का विकेट पहले ओवर में गंवा दिया जिन्हें टिम साउथी ने पगबाधा आउट किया. विजय और साहा ने हालांकि यहां से रणनीतिक बल्लेबाजी की. उन्होंने बड़े शाट खेलने के बजाय स्ट्राइक रोटेट करने पर ध्यान दिया.
बीच में चार ओवर तक गेंद सीमा रेखा तक नहीं पहुंची लेकिन इनमें 27 रन बने जिससे टीम दबाव में नहीं आयी. हरभजन ने इस बीच जरुर अपनी उंगलियों की जादूगरी दिखायी लेकिन उनके सामने दो भारतीय बल्लेबाज थे जिनको इस तरह की परिस्थितियों में खेलने का अनुभव है.
हरभजन के आखिरी ओवर में हालांकि साहा ने छक्का और चौका जमाया लेकिन विजय ने अगले ओवर में कृणाल का यही सबक सिखाया. मैकलेनगन ने साहा और उनका स्थान लेने के लिये उतरे ग्लेन मैक्सवेल को तीन गेंद के अंदर पवेलियन भेजा लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. इससे केवल हार का अंतर कम हुआ. गुरकीरत सिंह (नाबाद छह) ने विजयी चौका लगाया.
मैकलेनगन ने 24 रन देकर दो विकेट लिये. इससे पहले रोहित ने टास जीतकर वर्तमान आईपीएल के चलन के विपरीत पहले बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन गेंद नीची रह रही थी और मुंबई जल्द ही बैकफुट पर पहुंच गया. आलम यह था कि पावरप्ले के पहले छह ओवरों में केवल 21 रन बने और इस बीच केवल दो बार गेंद सीमा रेखा तक पहुंची जो इस टूर्नामेंट का रिकार्ड है. मुंबई ने इस बीच उन्मुक्त चंद और अंबाती रायुडु को विकेट गंवाये. ये दोनों खाता भी नहीं खोल पाये.
खराब फार्म में चल रहे पार्थिव की जगह टीम में जगह बनाने वाले उन्मुक्त ने मोहित शर्मा की गुडलेंथ गेंद पर खराब शाट खेलकर अपना विकेट गंवाया. वह इससे पहले 2011 और 2013 में भी आईपीएल की अपनी पहली पारी में खाता नहीं खोल पाये थे. इसके बाद संदीप शर्मा ने रायुडु को उनके बल्ले और पैड के बीच से गेंद निकालकर बोल्ड किया.
रोहित ने पारी की पहली गेंद पर चौका लगाया था. पारी की अगली बाउंड्री राणा ने पारी के छठे ओवर में मोहित पर छक्के के रुप में लगायी, लेकिन रोहित किसी भी समय रंग में नहीं दिखे. वह 24 गेंदों पर केवल 15 रन बना पाये और अक्षर पटेल की गेंद पर स्वीप करने के प्रयास में वह बोल्ड होकर पवेलियन लौटे. राणा ने केसी करियप्पा के पहले दो ओवरों में एक-एक छक्का लगाया लेकिन वह भी लंबी पारी नहीं खेल पाये. स्टोनिस की बाहर की तरफ कट लेती गेंद उनके बल्ले को चूमकर विकेटकीपर साहा के दस्तानों में पहुंच गयी.
स्टोनिस ने अपना अगला ओवर छोर बदलकर किया और फिर जोस बटलर (नौ) को पवेलियन भेजा. गुरकीरत ने लांग आफ बांउड्री पर चतुराई दिखाकर तीसरे प्रयास में उनके लंबे शाट को कैच में बदला. मुंबई जब रनों के लिये तरस रहा था तब पोलार्ड ने करियप्पा और पटेल के लगातार ओवरों में चार छक्के लगे. इनमें से तीन छक्के पोलार्ड के बल्ले से निकले.
मुंबई 17वें ओवर में 100 रन के पार पहुंचा लेकिन स्टोनिस ने इसी ओवर में पोलार्ड और कृणाल पंड्या दोनों को लगातार गेंदों पर आउट करके मुंबई की उम्मीदों को करारा झटका दिया. कृणाल ने गलत टाइमिंग से पुल करके आसान कैच दिया तो पोलार्ड लंबा शाट खेलने से चूक गये और उनका आफ स्टंप थरथरा गया. हरभजन ने आखिरी ओवर में मोहित पर मुंबई की पारी आठवां छक्का लगाया.