मैं कैरियर के चरम पर नहीं हूं, अभी तो शुरुआत की है : कोहली

नयी दिल्ली : भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने कहा कि उन्होंने पिछले दो महीनों से बेहतर बल्लेबाजी पहले नहीं की लेकिन वह इसे अपने करियर का चरम नहीं कहना चाहते हैं. कोहली ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि मैं वास्तव में अपने चरम पर पहुंच गया हूं. ऐसा लग रहा है कि जैसे मैंने दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2016 11:08 PM

नयी दिल्ली : भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने कहा कि उन्होंने पिछले दो महीनों से बेहतर बल्लेबाजी पहले नहीं की लेकिन वह इसे अपने करियर का चरम नहीं कहना चाहते हैं. कोहली ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि मैं वास्तव में अपने चरम पर पहुंच गया हूं. ऐसा लग रहा है कि जैसे मैंने दो महीने पहले ही शुरुआत की.

आईपीएल में शामिल कोच भी मुझसे नियमित पूछते हैं कि क्या मैं अपने चरम पर पहुंच गया हूं या नहीं. मैं यही कह सकता हूं कि मैं गेंद को पहले की तुलना में बेहतर हिट कर रहा हूं लेकिन मैं जानता हूं कि यह दौर ऐसा नहीं है कि जैसा मैं चाहूंगा वैसा ही होगा. ‘

कोहली की शानदार फार्म विश्व टी20 से शुरू हुई और इसके बाद उन्होंने इसे आईपीएल में भी जारी रखा है जहां उन्होंने एक सत्र में सर्वाधिक रन का नया रिकार्ड बनाया. उन्होंने इंडिया टुडे को साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं किसी चीज के बारे में सोचने के बजाय इस दौर का आनंद लेना चाहता हूं.

मैं पहले कभी इतना शांतचित नहीं रहा. मेरा न सिर्फ एक क्रिकेटर के तौर पर बल्कि एक व्यक्ति के रुप में भी सुधार करना लक्ष्य है. ‘ कोहली ने कहा, ‘‘मैदान पर उतरने से ठीक पहले मैं अपनी दिल की धड़कन देखता हूं. यदि धड़कन तेज चल रही हो तो खुद को शांत करने की कोशिश करता क्योंकि ऐसा नहीं होने पर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाउंगा. इसके बाद मैं अपनी पारी की शुरुआत करने पर ध्यान लगाता हूं. ‘

कोहली से पूछा गया कि वह निरंतर अच्छा प्रदर्शन कैसे कर लेते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मैं खेल का सम्मान करता हूं. किसी भी मैच मैं जानता हूं कि मुझे 120 प्रतिशत देना है. ऐसा इसलिए क्योंकि पहले मैंने जो संघर्ष किया है वह मेरे दिमाग में है और इसलिए मैं कुछ भी पक्का मानकर नहीं चलता. मैं केवल यही खेल खेलना जानता हूं. ‘ इस फार्म में कोहली की तुलना सचिन तेंदुलकर से की जा रही है लेकिन कोहली इसे सही नहीं मानते.

उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो यह उनके (तेंदुलकर) के साथ न्यायसंगत नहीं है. उनकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती है. आप अलग अलग क्षमता के बल्लेबाजों की बात कर सकते हैं. मैंने अपना खेल मजबूत किया जबकि उन्होंने जो कुछ हासिल किया उनका जन्म ही उसके लिये हुआ था. मैं दो साल से अच्छा खेल रहा हूं जबकि उन्होंने 24 साल तक अच्छी तरह से देश की सेवा की. वह इस पीढी के बल्लेबाजों से दो सीढी उपर हैं. मैं खुद उनसे प्रेरित रहा हूं हालांकि मैं अपनी राह खुद तैयार करना पसंद करता हूं. ‘

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