रवि शास्त्री का अनुबंध बढ़ने की संभावना नहीं, बांगड और अरुण भी जाएंगे बाहर
नयी दिल्ली : मुख्य कोच और सहायक कोचों के पद के लिए विज्ञापन देने के बीसीसीआई के फैसले का मतलब हो सकता है कि रवि शास्त्री के अलावा 2014 में इंग्लैंड दौरे पर सीमित ओवरों की श्रृंखला से टीम के सहायक स्टाफ में शामिल हुए संजय बांगड, आर श्रीधर और भरत अरुण की तिकडी का […]
नयी दिल्ली : मुख्य कोच और सहायक कोचों के पद के लिए विज्ञापन देने के बीसीसीआई के फैसले का मतलब हो सकता है कि रवि शास्त्री के अलावा 2014 में इंग्लैंड दौरे पर सीमित ओवरों की श्रृंखला से टीम के सहायक स्टाफ में शामिल हुए संजय बांगड, आर श्रीधर और भरत अरुण की तिकडी का अनुबंध बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है.
बीसीसीआई ने आज बयान में कहा, ‘‘बोर्ड भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम (पुरुष) के मुख्य कोच और सहायक कोचों के पद के लिए विज्ञापन देगा.” इंग्लैंड दौरे के बीच में शास्त्री को टीम निदेशक बनाए जाने के बाद से बांगड, अरुण और श्रीधर क्रमश: गेंदबाजी, बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच के रुप में टीम के साथ जुड़े हुए हैं.
मार्च-अप्रैल में विश्व टी20 के साथ शास्त्री का कार्यकाल समाप्त हो गया है. इसकी भी संभावना है कि जो भी मुख्य कोच बनेगा वह सहायक स्टाफ को खुद चुन सकता है. इंडियन प्रीमियर लीग में किंग्स इलेवन पंजाब के मुख्य कोच के रुप में बांगड के लिए समय काफी अच्छा नहीं रहा. टीम मौजूदा सत्र सहित लगातार दो सत्र में अंतिम स्थान पर रही. श्रीधर भी 2014 से फ्रेंचाइजी के साथ जुड़े हुए हैं.
अरुण पिछले सत्र में रायल चैलेंजर्स बेंगलूर के साथ जुड़े थे लेकिन आरसीबी की गेंदबाजी को उसका कमजोर पक्ष माना जाता है. इससे पहले आज बीसीसीआई ने मुख्य कोच और सहायक कोच के लिए आवेदन आमंत्रित किए और इसके लिए 10 जून की समयसीमा तय की है.