जिंबाब्वे दौरे पर युवाओं ने काफी प्रभावित किया : बांगड
हरारे : भारतीय टीम के लिये जिंबाब्वे के खिलाफ संक्षिप्त दौरा इतना आसान नहीं रहा, विशेषकर ट्वेंटी20 में लेकिन भारतीय कोच संजय बांगड का कहना है कि युवा खिलाड़ी इसमें प्रभावित करने में सफल रहे. भारतीय टीम बीती रात अंतिम टी20 मुकाबले में अंतिम गेंद में हारने से बची, जिसके बाद उसने सीरीज 2-1 से […]
हरारे : भारतीय टीम के लिये जिंबाब्वे के खिलाफ संक्षिप्त दौरा इतना आसान नहीं रहा, विशेषकर ट्वेंटी20 में लेकिन भारतीय कोच संजय बांगड का कहना है कि युवा खिलाड़ी इसमें प्रभावित करने में सफल रहे. भारतीय टीम बीती रात अंतिम टी20 मुकाबले में अंतिम गेंद में हारने से बची, जिसके बाद उसने सीरीज 2-1 से अपने नाम की. बांगड ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘जिस भी खिलाड़ी को मौका मिला, उसने प्रभावित किया.
उन्होंने प्रभावित किया और मुझे लगता है कि यह अनुभव सचमुच आगे उनके लिये मायने रखेगा. ” उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से कुछ खिलाड़ी भारत ए टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया जायेंगे और मुझे लगता है कि यहां पूरे समय खिलाडियों के प्रदर्शन को देख रहे चयनकर्ता प्रत्येक पर नजर लगाये थे तथा उन्होंने जो देखा होगा, उससे खिलाडियों को भविष्य के लिये निश्चित रुप से निर्धारित भी कर लिया होगा. ”
पहले टी20 में हारने के बाद वापसी करने के बाद बांगड ने कहा, ‘‘जब आप तीन मैचों की सीरीज का पहला मैच गंवा देते हो तो दबाव बढ़ता ही है. मुझे लगता है कि जिस तरह से हमने दूसरे मैच में वापसी और तीसरे में धैर्य बनाये रखा, वह शानदार था. ” भारत के युवा बल्लेबाजों के बारे में एक सवाल के जवाब में भारतीय कोच ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टी20 ऐसा खेल है, जिसमें कई तरह के फैसले दबाव में करने होते हैं. ”
बांगड ने कहा, ‘‘कभी कभार आप जो फैसले करते हो, वो शानदार लगते हैं. लेकिन अगर आप किसी भी फैसले में असफल हो जाते हो तो इससे आप पर सवालिया निशान लग जाते हैं इसलिये मुझे लगता है कि टी20 तेज और स्फूर्ति वाला क्रिकेट है. लेकिन मैं संतुष्ट हूं जिस तरह से खिलाडियों ने विभिन्न हालात में फैसले लिये. ” केदार जाधव के उपयोगी योगदान से प्रभावित बांगड ने कहा कि उसने अपनी काबिलियत साबित कर दी.
जाधव ने अंतिम टी20 मैच में 42 गेंद में 58 रन की पारी खेली. उन्होंने कहा, ‘‘वह दूसरी बार बल्लेबाजी के लिये उतरा और उसने शानदार पारी खेली. उसे कुछ समस्या थी क्योंकि वह अच्छा महसूस नहीं कर रहा था लेकिन वह क्रीज पर टिका रहा. उसने मुश्किल पिच पर जो पारी खेली, वह उसकी काबिलियत दिखाती है. वह मिले मौकों का फायदा उठाने के लिये सबकुछ कर रहा है. ”
बांगड को लगता है कि अक्षर पटेल भी उपयोगी आल राउंडर बनता जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘पूरी श्रृंखला के दौरान, वह दबाव में रहा और शायद वह सबसे ज्यादा किफायती गेंदबाज रहा. मुझे उसके सही आंकडे नहीं पता लेकिन वह काफी निरंतर था और उसने अपनी गेंदबाजी में ही नहीं बल्कि क्षेत्ररक्षण के दौरान भी दबाव का बेहतर सामना किया. ”
महेंद्र सिंह धौनी द्वारा युवा खिलाडियों की टीम की अगुवाई करने के बारे में बांगड ने कहा, ‘‘धौनी ने खिलाडियों से काफी बात की और उनके साथ जुड़ने की कोशिश की. शायद उन्हें डिनर पर भी आमंत्रित किया. उसने युवाओं को सहज बनाने के लिये काफी कुछ किया. उसने युवा खिलाडियों के साथ अपने अनुभव साझा किये और बताया कि दबाव भरे हालातों का कैसे सामना किया जाये.”