खेल डेस्क
नयी दिल्ली : टीम इंडिया में कोच पद का चुनाव भले ही पूरी पारदर्शीता के साथ हुआ हो, लेकिन कोच पद के उम्मीदवार रवि शास्त्री ने क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली के खिलाफ नाराजगी जाहीर कर नये विवाद को जन्म दे दिया है. शास्त्री ने गांगुली के खिलाफ खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है.
शास्त्री ने कहा, इंटरव्यू के समय गांगुली मौजूद क्यों नहीं थे. गांगुली की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर शास्त्री ने तल्ख अंदाज में कहा, ‘‘सौरव पर कुछ नहीं. अब तो हद हो गयी. मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता हूं. मैं विदेश में था और मैं कल आया हूं और तब से मुझे विश्राम करने का मौका नहीं मिला. ‘
हालांकि शास्त्री ने साफ कर दिया कि अब समय आगे बढ़ने का है, इस अध्याय को यहीं खत्म कर देना चाहिए. भारतीय टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने आज स्पष्ट किया कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के साथ अपनी भूमिका निभा ली है और अब समय आगे बढ़ने का है. ‘‘जहां तक मेरा सवाल है तो वह अध्याय बीत चुका है. मेरा विश्वास है कि अब आगे बढ़ने का समय है. इस संबंध मैं और कुछ नहीं कहना चाहता हूं.
* नया नहीं है शास्त्री-गांगुली के बीच झगड़ा
सौरव गांगुली और रवि शास्त्री दोनों अपने समय के चोटी के क्रिकेटर रहे हैं. दोनों ने अपनी मर्जी से क्रिकेट खेले. दोनों को आक्रामक खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है. दोनों की भूमिका भी टीम इंडिया में बड़ी रही है. ऐसी खबर है कि दोनों के बीच बहुत पहले से सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है.
बीसीसीआई सूत्रों ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘ गांगुली का हमेशा से मानना रहा है कि एक मशहूर कमेंटेटर के तौर पर शास्त्री ने उन्हें भारतीय टीम को नई उंचाईयों पर पहुंचाने का श्रेय कभी नहीं दिया. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह से शास्त्री का भी मानना है कि राष्ट्रीय कोच बनने की इच्छा रखने वाले गांगुली उनकी स्थिति को कमजोर करना चाहता था. लेकिन यदि सौरव ने अनिल की प्रस्तुति देखी थी तो उन्हें रवि के इंटरव्यू के दौरान भी उपस्थित रहना चाहिए था. ‘