गांगुली को अपने पद का सम्मान करना चाहिए था : शास्त्री
नयी दिल्ली : भारतीय टीम का कोच नहीं चुने जाने से निराश पूर्व टीम निदेशक रवि शास्त्री ने आज सौरव गांगुली को आडे हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने कोच का चयन करने की अपनी भूमिका और उन उम्मीद्वारों का अनादर किया जिनका वह साक्षात्कार कर रहे थे. शास्त्री ने गांगुली की पिछले सप्ताह उनके […]
नयी दिल्ली : भारतीय टीम का कोच नहीं चुने जाने से निराश पूर्व टीम निदेशक रवि शास्त्री ने आज सौरव गांगुली को आडे हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने कोच का चयन करने की अपनी भूमिका और उन उम्मीद्वारों का अनादर किया जिनका वह साक्षात्कार कर रहे थे.
शास्त्री ने गांगुली की पिछले सप्ताह उनके साक्षात्कार के दौरान अनुपस्थित रहने के लिये आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें सलाह दी कि जब अगली बार इस तरह के पद के लिये किसी का इंटरव्यू करे तो उन्हें बैठक में उपस्थित रहना चाहिए. उन्होंने इंडिया टुडे से कहा, ‘‘मैं बिल्कुल भी खफा नहीं हूं. मैं केवल निराश हूं. इसका सौरव से कोई लेना देना नहीं है लेकिन मैं निराश इसलिए हूं कि क्योंकि उस व्यक्ति ने उन उम्मीद्वारों का अनादर किया जिनका साक्षात्कार लिया जाना था. अपनी उस भूमिका के प्रति उसने अनादर दिखाया जिसके लिये उस पर विश्वास जताया गया था. ”
अनिल कुंबले को कोच नियुक्त करने के फैसले की प्रशंसा करते हुए शास्त्री ने कहा कि वह निजी तौर पर इसलिए निराश हैं क्योंकि उन्होंने 18 महीनों में जो अच्छे कार्य किये थे उन्हें वह आगे बढ़ाना चाहते थे. शास्त्री से पूछा गया कि उनकी गांगुली के लिये क्या सलाह है, उन्होंने कहा, ‘‘अगली बार जब इस तरह के शीर्ष पद के लिये किसी का साक्षात्कार लिया जा रहा हो तो बैठक में उपस्थित रहे. ”
उन्होंने इन सवालों को टाल दिया कि क्या गांगुली के खिलाफ हितों के टकराव का मसला नहीं बनता जो बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य हैं. फिर से जब उन्हें उनकी निराशा के बारे में पूछा गया, ‘‘मैं पांच दिन पहले निराश था : जब घोषणा की गयी : लेकिन अब यह दो महीने पुरानी बात लगती है. ”