ख्याली दुनिया में जी रहे हैं रवि शास्त्री : सौरव गांगुली
कोलकाता : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली कोच पद के चुनाव को लेकर खुद पर शास्त्री के हमलों का करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा, शास्त्री ने इसे व्यक्तिगत मामला बना दिया है. उनके बयानों से मुझे गहरा दुख हुआ है. टीम इंडिया के कोच पद की […]
कोलकाता : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली कोच पद के चुनाव को लेकर खुद पर शास्त्री के हमलों का करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा, शास्त्री ने इसे व्यक्तिगत मामला बना दिया है. उनके बयानों से मुझे गहरा दुख हुआ है.
टीम इंडिया के कोच पद की दौड़ में शामिल रवि शास्त्री ने सौरव गांगुली पर इंटरव्यू में शामिल नहीं रहने का बड़ा आरोप लगाया था. शास्त्री ने सौरव गांगुली को आडे हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने कोच का चयन करने की अपनी भूमिका और उन उम्मीद्वारों का अनादर किया जिनका वह साक्षात्कार कर रहे थे. सौरव ने कहा, शास्त्री को अगर लगता है कि उनके टीम इंडिया का कोच न बन पाने के पीछे उनका हाथ रहा है तो, मैं बता देना चाहता हूं कि वो ख्याली दुनिया में रह रहे हैं.
गांगुली यहीं नहीं रूके और उन्होंने कहा, शास्त्री के व्यक्तिगत हमले से वो काफी निराश हैं. इसकी कोई जरूरत नहीं थी. गांगुली ने शास्त्री के पूर्व कार्यकाल पर भी कहा, वह शख्स ऐसा कह रहा है जो 20 सालों से बीसीसीआई के साथ जुड़ा रहा है. वो मेरी जगह रह चुके हैं और कोच चुनते रहे हैं.
गांगुली ने शास्त्री के इंटरव्यू के समय मौजूद न रहने पर भी सफाई दी. उन्होंने कहा, मैंने बीसीसीआई को मेल में संदेश दे दिया था कि वो पांच बजे तक हीइंटरव्यूमें मौजूद रहेंगे. क्योंकि कैब की मीटिंग है और अध्यक्ष होने के नाते मीटिंग में उनकी मौजूदगी काफी अहम है. उन्हें मीटिंग की अध्यक्षता करनी थी और मीटिंग 14 दिन पहले ही तय हो गयी थी.
गांगुली ने कहा, सवा चार बजे शास्त्री का इंटरव्यू होना था, लेकिन इंटरव्यू का समय आगे खिंच गया. मैंने समिति के बाकी सदस्यों को कहा था कि वो 6 बजे तक मेरे आने का इंतजार करें. उनके बाद अजय शिरके का मैसेज भी आया था कि क्या उनके बिना भी इंटरव्यू जारी रखा जा सकता है. मैं उस समय मीटिंग में व्यस्त था इसलिए मैंने इंटरव्यू जारी रखने के लिए मैजेस कर दिया. सौरव ने आगे कहा, शास्त्री को मालूम होना चाहिए कि उन्हें कोच पद के लिए नकारने वालों में मुझसे काफी अनुभवी लोग मौजूद थे.
भारत के सबसे सफल कप्तानों से एक गांगुली ने शास्त्री के इस सुझाव पर भड़क गये जिसमें उन्होंने कहा था कि अगली बार जब साक्षात्कार लिये जा रहे हों तो उन्हें उपस्थित होना चाहिए. गांगुली ने कहा, ‘‘इससे मुझे गुस्सा आया कि वह मुझे सलाह दे रहा है कि मुझे इस तरह की बैठकों में उपस्थित होना चाहिए.
मैं पिछले कुछ समय से बीसीसीआई की बैठकों का हिस्सा रहा हूं और मैं हमेशा उनके लिये उपलब्ध रहा. रवि को मेरी सलाह है कि जब भारत के कोच और सबसे महत्वपूर्ण पद के लिये चयन हुआ तब उन्हें समिति के सामने होना चाहिए था ना कि बैकाक छुट्टियां मनाते हुए प्रस्तुति देनी चाहिए थी.’
गांगुली ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वह गंभीर था या नहीं लेकिन मेरा मानना है कि यदि आप खेल का सबसे महत्वपूर्ण पद चाहते हो तो आपको गंभीर होना चाहिए. लेकिन यदि आप सम्मान की बात कर रहे हो तो आपको भी यहां होना चाहिए था. जब तीन सदस्यीय समिति हो और महत्वपूर्ण लोग फैसले लेने से जुड़े हों तो यह केवल सौरव गांगुली का फैसला नहीं होता है. इसलिए ये निजी टिप्पणियां काफी दुखद हैं. ‘
शास्त्री के सार्वजनिक टिप्पणी करने पर गांगुली ने कहा, ‘‘उन्हें थोड़ी परिपक्वता दिखानी चाहिए विशेषकर जबकि वह दस वर्षों से भी अधिक समय से इस तरह की समितियों में हों. ‘ कुंबले के भारतीय कोच के रुप में शुरुआत करने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं. जैसे मैंने कहा कि वह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है. वह भारतीय क्रिकेट का एक चैंपियन है और वह इस टीम को आगे ले जाएगा. ‘