बर्थडे स्पेशल : अब भी जारी है ”दादा की दादागीरी”, जानें पांच बड़ी बातें
खेल डेस्क कोलकाता : टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में शामिल सौरव गांगुली का आज 44वां जन्मदिन है. गांगुली को भारतीय क्रिकेट के मसीहा के रूप में जाना जाता है, क्योंकि गांगुली को जिस समय टीम का भार सौंपा गया था उस समय फिक्सिंग की काली छाया ने क्रिकेट को चारों तरफ से ढंक […]
खेल डेस्क
कोलकाता : टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में शामिल सौरव गांगुली का आज 44वां जन्मदिन है. गांगुली को भारतीय क्रिकेट के मसीहा के रूप में जाना जाता है, क्योंकि गांगुली को जिस समय टीम का भार सौंपा गया था उस समय फिक्सिंग की काली छाया ने क्रिकेट को चारों तरफ से ढंक लिया था. धुंध इतनी बढ़ गयी थी कि ऐसा लग रहा था कि अब क्रिकेट नहीं बच पायेगा. कई खिलाड़ी फिक्सिंग के आरोप में फंस चुके थे, लेकिन गांगुली ने टीम इंडिया को इस बड़े संकट से न केवल बाहर निकाला, बल्कि टीम इंडिया को उंचाइयों में भी पहुंचाया.
गांगुली ने टीम इंडिया में जीत का जज्बा भरा. गांगुली को काफी आक्रामक क्रिकेटर के रूप में जाना जाता है. वो किसी से डर कर रहने वाले खिलाडियों में नहीं थे. जो जिस भाषा में बात समझता था उसे उसी की भाषा में जवाब भी वो देते थे. गांगुली ‘दादा’ के नाम से मशहूर हैं. टीम इंडिया में आक्रामकता भरने वाले गांगुली भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, लेकिन आज भी उनकी दादागिरी कम नहीं हुई है. आइये इस महान खिलाड़ी के बारे में जानें पांच बड़ी बातें.
1. फिक्सिंग की काली छाया से बाहर निकाला
सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं. उन्होंने टीम इंडिया को कई मैचों में जीत दिलायी है. गांगुली को जिस समय भारतीय क्रिकेट का भार सौंपा गया था उस समय फिक्सिंग की काली छाया ने क्रिकेट को चारों ओर से घेर लिया था. ऐसा लग रहा था जैसे अब क्रिकेट को कोई नहीं बचा पायेगा. फिक्सिंग के आरोप में कई क्रिकेटर फंस चुके थे. टीम इंडिया में कई फाड़ नजर आने लगे थे, लेकिन जैसे उपर वाले ने गांगुली को मसीहा के रूप में टीम इंडिया में भेजा. गांगुली ने कप्तानी संभालते ही टीम इंडिया को एकजुट किया और जीत का नया मंत्र दिया. दादा ने टीम इंडिया में न केवल नया जोश भरा, बल्कि भारतीय क्रिकेट को नयी ऊंचाई में पहुंचाया.
2. बेहद आक्रामक क्रिकेटर थे गांगुली
सौरव गांगुली को बेहद आक्रामक खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है. उनकी आक्रामकता पूरी दुनिया में जानी जाती थी. एक समय था जब टीम इंडिया काफी थक चुकी थी, खिलाडियों में जीत का जज्बा खत्म हो चुका था, लेकिन जैसे ही गांगुली ने टीम इंडिया की डोर अपने हाथ में लिया खिलाडियों में जीत कर जज्बा दिखने लगा और खिलाडियों में आत्मविश्वास बढ़ गया. दादा ने खिलाडियों को सिखाया कि जब विपक्षी खिलाड़ी आपको घूर कर देखे तो आप नजरें नीचे न करें और आप भी उसे घूरते रहें. टीम इंडिया में आज जो भी आक्रामकता दिखता है वो गांगुली का ही देन है.
3. बल्लेबाजी में बनाया कई वर्ल्ड रिकॉर्ड
सौरव गांगुली केवल अपनी कप्तानी के चलते नहीं जाने जाते हैं, बल्कि उन्हें एक अच्छे बल्लेबाज रूप में भी जाना जाता है. उन्हें टीम इंडिया की ओर से खेलते हुए कई रिकॉर्ड अपने नाम किये. 11 जनवरी 1992 को वनडे क्रिकेट में पांव रखने वाले गांगुली को शुरुआत में सफलता नहीं मिली, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में जिस तरह से सुधार किया और दुनिया में आपनी धाक जमायी काफी प्रशंसनिय है.
वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक शतक बनाने के मामले में गांगुली अब भी तीसरे नंबर पर मौजूद हैं. उन्हों भारत की ओर से 311 वनडे मैच खेले जिसमें उनके 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं. सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के बाद गांगुली ने भारत की ओर से सबसे अधिक शतक जमाया है. इसके अलावा गांगुली वनडे में सबसे अधिक रन बनाने के मामले में भारत में दूसरे और दुनिया के आठवें खिलाड़ी हैं. वनडे में गांगुली ने 11, 363 रन बनाये.
4. लॉडर्स के मैदान में टी शर्ट खोलकर दुनिया में अपनी आक्रामकता कीमिसालदी
सभी जानते हैं कि सौरव गांगुली कितने आक्रामक खिलाड़ी रहे हैं. उन्होंने लॉडर्स के मैदान पर अपनी टी-शर्ट उतार कर दुनिया के सामने अपनी आक्रामकता का परिचय दिया. नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड की टीम को जैसे ही टीम इंडिया ने हराया गैलरी में बैठे कप्तान गांगुली ने अपना टी-शर्ट उतारा और चारों ओर घूमाना शुरू कर दिया. गांगुली ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि इंग्लैंड के कप्तान और दुनिया के महान ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटफ ने ऐसा ही भारत के खिलाफ मैच जीतने के बाद किया था.
5. अब भी नहीं कम हुई है दादा की दादागिरी
सौरव गांगुली भले ही क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन उनकी आक्रामकता कम नहीं हुई है. बंगाल क्रिकेट संघ के नये अध्यक्ष सौरव गांगुली इन दिनों बंगाल क्रिकेट को बदलने में लग गये हैं. गांगुली बीसीसीआई के क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं. कुछ दिनों पहले वो टीम इंडिया के कोच पद के चयन को लेकर काफी चर्चा में रहे. कोच पद की दौड़ में शामिल रवि शास्त्री ने गांगुली पर कई गंभीर आरोप लगाये. लेकिन गांगुली ने उनका डटकर सामना किया और शास्त्री को करारा जवाब दिया.