पवार और श्रीनिवासन के लिए बीसीसीआइ का दरवाजा बंद, ठाकुर को छोड़ना होगा एचपीसीए
नयी दिल्ली : बीसीसीआई के पदाधिकारियों की आयु सीमा को 70 साल तक सीमित करने की लोढा समिति की सिफारिशों को आज उच्चतम न्यायालय के स्वीकार करने का मतलब होगा कि बोर्ड में शरद पवार, एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह जैसे अनुभवी प्रशासकों के लिए रास्ते बंद हो गए हैं. उच्चतम न्यायालय के आदेश के […]
नयी दिल्ली : बीसीसीआई के पदाधिकारियों की आयु सीमा को 70 साल तक सीमित करने की लोढा समिति की सिफारिशों को आज उच्चतम न्यायालय के स्वीकार करने का मतलब होगा कि बोर्ड में शरद पवार, एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह जैसे अनुभवी प्रशासकों के लिए रास्ते बंद हो गए हैं.
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अन्य सिफारिशों के तहत बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर (हिमाचल प्रदेश), सचिव अजय शिर्के (महाराष्ट्र), कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी (हरियाणा) और संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी (झारखंड) को ‘हितों के टकराव’ से बचने के लिए अपने संबंधित राज्य संघों में अपना पद छोडना होगा.
बोर्ड को सिफारिशें लागू करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है. बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार 75 बरस के हैं जबकि तमिलनाडु के श्रीनिवासन 71 साल के हैं. दोनों अपने राज्य संघों क्रमश: मुंबई क्रिकेट संघ और तमिलनाडु क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं.
सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के प्रमुख शाह तीन दशक से अधिक समय समय से बीसीसीआई में सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष और उपाध्यक्ष जैसे पदों पर रहे हैं. वह 72 साल के हैं. शाह ने कहा कि वह ‘निराश’ हैं लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश को स्वीकार करना होगा.
शाह ने कहा, ‘‘हां, मैं काफी निराश हूं लेकिन यह देश की शीर्ष अदालत का फैसला है जिसका सम्मान करना होगा.” हालांकि शाह का मानना है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को पूरी तरह से लागू करने में 18 महीने लगेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई को इसे पहले लागू करना होगा और इसके बाद राज्य संघों को भी इसे लागू करना होगा. मेरी समझ के मुताबिक सब कुछ लोढा समिति की सिफारिशों के अनुरुप करने में 18 महीने का समय लगेगा.” शाह ने हालांकि इस सवाल का कोई ठोस जवाब नहीं दिया कि एससीए में उनकी जगह कौन लेगा.