जानें कब सफेद से रंगीन हुई क्रिकेट की दुनिया

आज से मात्र महज दो दशक पहले क्रिकेट की दुनिया इतनी रंगीन नहीं होती थी. खिलाड़ी सफेद कपड़ों में क्रिकेट ग्राउंड पर आते थे और मैच के लिए लाल गेंद का प्रयोग होता था, लेकिन 1980 के दशक में क्रिकेट की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव हुए और खिलाड़ियों के कपड़े सफेद से रंगीन हो गये. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2016 2:17 PM

आज से मात्र महज दो दशक पहले क्रिकेट की दुनिया इतनी रंगीन नहीं होती थी. खिलाड़ी सफेद कपड़ों में क्रिकेट ग्राउंड पर आते थे और मैच के लिए लाल गेंद का प्रयोग होता था, लेकिन 1980 के दशक में क्रिकेट की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव हुए और खिलाड़ियों के कपड़े सफेद से रंगीन हो गये. बाद में गेंद का रंग भी बदला और वह लाल से सफेद हो गया. डे-नाइट मैच का चलन भी पहले नहीं था जो अब आम बात है. अब तो डे-नाइट टेस्ट मैच का कॉन्सेप्ट भी आ गया है, जिसे गुलाबी गेंद से खेला जायेगा

खिलाड़ियों की जर्सी हुई रंगीन

जेंट्‌लमैन का खेल माने जाने वाले क्रिकेट में पहली बार रंगीन जर्सी वर्ष 1984-1985 के दौरान देखने को मिली. वर्ष 1992 में पहली बार आईसीसी विश्वकप रंगीन जर्सी में खेला गया. उससे पहले खिलाड़ी सफेद कपड़ों में ही दिखते थे. इस जर्सी पर पीछे की ओर खिलाड़ी का नाम और नंबर भी लिखा था.

लाल से सफेद हुई गेंद

क्रिकेट की दुनिया में पहले लाल गेंद ही इस्तेमाल की जाती थी जो लेदर की बनी होती थी, लेकिन जब से डे-नाइट क्रिकेट का आयोजन होने लगा गेंद लाल से सफेद हो गयी. इसका कारण यह है कि सफेद गेंद फल्डलाइट में भी आसानी से दिखती है इसकी विजिबिलिटी अच्छी होती है. धीरे-धीरे यह सफेद से गुलाबी हो गयी और अब कई बार क्रिकेट के ग्राउंड में गुलाबी रंग की गेंद भी दिख जाती है. वर्ष 2000 के दौरान गुलाबी गेंद का निर्माण किया गया.

खिलाड़ियों के लुक भी बदले

खिलाड़ियों के लुक क्रिकेट ग्राउंड में अब काफी बदल गये हैं. स्टाइलिश सनग्लासेज अब आम बात है लेकिन सबसे पहले इसका प्रयोग आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी डीन जोंस ने 80 के दशक में किया था. सनग्लास की मदद से खिलाड़ी मुश्किल कैच को भी आसानी से पकड़ लेते हैं क्योंकि इससे देखने में आसानी होती है आंखें तेज से परेशान नहीं होती है.

सनग्लासेज के अलावा आजकल टैटू का चलन भी खिलाड़ियों में खूब दिख रहा है. अपने देश में ही विराट कोहली, शिखर धवन और रहाणे जैसे खिलाड़ी टैटू के साथ नजर आते हैं. बॉक्सर मोहम्मद अली के मरने पर तो इंग्लैंड के क्रिकेटर केविन पीटरसन ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनका टैटू बनवा लिया था.

Next Article

Exit mobile version