बोले धौनी, वेस्टइंडीज में बड़ी भूमिका निभाएंगे स्पिनर
नयी दिल्ली : भारत के सीमित ओवरों के क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ‘टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेलने को मिस’ करते हैं और वह वेस्टइंडीज के खिलाफ कल से शुरू हो रही टेस्ट श्रृंखला पर नजर रखेंगे. उन्होंने साथ ही कहा कि कैरेबिया में स्पिनर बड़ी भूमिका निभाएंगे. धौनी ने आज यहां एक कार्यक्रम के […]
नयी दिल्ली : भारत के सीमित ओवरों के क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ‘टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेलने को मिस’ करते हैं और वह वेस्टइंडीज के खिलाफ कल से शुरू हो रही टेस्ट श्रृंखला पर नजर रखेंगे. उन्होंने साथ ही कहा कि कैरेबिया में स्पिनर बड़ी भूमिका निभाएंगे.
धौनी ने आज यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वेस्टइंडीज में विकेट धीमे होंगे लेकिन आप कुछ नहीं कह सकते. मुझे लगता है कि स्पिनर बड़ी भूमिका निभाएंगे.” धौनी ने कहा कि उन्हें यह प्रभावशाली लगता है कि भारत के पास अब आठ से 10 अच्छे तेज गेंदबाजों का पूल है.
उन्होंने कहा, ‘‘जितनी अधिक प्रतिस्पर्धा होगी उतना बेहतर होगा. यह अच्छा है कि अंतत: हमारे पास आठ से 10 गेंदबाज हैं जो चयन के लिए जोर लगा रहे हैं. अगर मैं एक साल पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला की बात करुं तो उस समय कुछ गेंदबाज चोटिल थे.”
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘और हमारे पास ऐसे गेंदबाज थे जो सभी स्थिति में गेंदबाजी कर सकते थे. अगर आपको गति चाहिए थी तो हमारे पास थी. अगर आपको स्विंग चाहिए थी तो हमारे पास वह भी थी. बेशक चोटों के प्रबंधन को लेकर हमें सतर्क रहना होगा.” इस बीच धौनी की कंपनी रीति स्पोर्ट्स ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज क्रेग मैकडर्मोट की कंपनी सिक्योर्ड वेंचर कैपिटल के साथ करार किया.
धौनी का साथ ही मानना है कि भारत का बल्लेबाजी क्रम काफी स्तरीय है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे शीर्ष छह बल्लेबाज स्थिर हैं. एक या दो नये चेहरे हो सकते हैं लेकिन अधिकांश समय टीम यही होगी. वे उपमहाद्वीप के बाहर भी खेले हैं और उन्हें जरुरी अनुभव हासिल है.” धौनी को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहे लगभग दो साल हो गए हैं और वह इसे मिस करते हैं लेकिन उन्हें अपने फैसले पर मलाल नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘बेशक आपको टेस्ट क्रिकेट खेलने की कमी खलती है. लेकिन मैं इसे भूला नहीं हूं. क्रिकेटरों के लिए यह जुनून या यू कहिये कीडा होता है जो हमेशा आपके साथ रहता है. यह कभी आपको नहीं छोड़ता. यही कारण है कि 40 और 50 साल से अधिक के क्रिकेटर कमेंटरी, जूनियर टीमों की कोचिंग में वापसी करते हैं. जहां तक मेरा सवाल है तो यह मुझे अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका देता है.”